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त्रिषडाय भावों का राज

3,6 & 11 House Secret in astrology

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त्रिषडाय भावों का राज :-


ज्योतिष के प्राय: सभी ग्रन्थों में तीसरे, छठे एवं ग्यारहवें भाव व् उनके स्वामियों को पाप फलादाय्क माना गया है |
आइये हम गौर करें की इन भावों का हमारे जीवन में क्या महत्व है और क्या त्रिषडाय भावों के स्वामी हमेशा पाप फल्दायक होते हैं |

तृतीय भाव से देखे जाने वाली मुख्य बातें है :
साहस, संचार के साधन, नजदीक की यात्रा, छोटे भाई-बहिन, रचनात्मकता , आयु (अष्टम से अष्टम ), सोशल मीडिया, डाक्यूमेंटेशन आदि

छठे भाव से देखे जाने वाली मुख्य बातें है : ऋण रिपु बीमारिया
प्रतिद्वंदी ,प्रतियोगिता , स्वास्थ्य, कर्जा, नौकरी , संघर्ष क्षमता, मुक़दमे बाजी , लीगल केस , सर्विस

एकादश भाव:
लाभ, इच्छापूर्ति, वैभव, रोग (छठे से छठा), सोशल सर्किल , बड़ा भाई , मित्र
सबसे आदर्श स्थिति है की केंद्र व त्रिकोण में शुभ गृह हों व त्रिषडाय भावों में पाप गृह हो | ऐसा बहुत ही भाग्यशाली कुंडलियों में देखने को मिलता है |

केंद्र और त्रिकोण में शुभ गृह होने से व्यक्ति को बिना संघर्ष के सब कुछ प्राप्त हो जाता है | परन्तु अधिकतर कुंडलियों में केंद्र व त्रिकोण में शुभ व् अशुभ गृह दोनों ही होते है |
जीवन सुख दुःख की एक यात्रा है | परन्तु अनेकों कुंडलियों में केंद्र त्रिकोण में एक भी शुभ गृह नहीं होता | इसे व्यक्तियों का क्या भविष्य होता है | क्या ये व्यक्ति जीवन में कभी सुखी नहीं रह पाते |

यदि त्रिषडाय भावों के कारकत्व पर विचार करेंगें तो यह पायेंगे की जीवन में विपरीत परिस्थियों में आगे बढ़ने के लिए इन भावों की विशेष आवश्यकता है | जिसमें साहस है , रचनात्मकता है , भाई-बहिनों का साथ है (तृतीय भाव), प्रतियोगिता की भावना हो, श्त्राओं का सामना करने की हिम्मत हो (छठा भाव) इसे व्यक्ति संघर्ष से ही सही लाभ, इच्छापूर्ति और वैभव को प्राप्त कर लेते हैं |
यदि केंद्र व त्रिकोण में शुभ गृह न हों तो इसे व्यक्ति के जीवन में अनेक मुसीबतें आती है | इसे में यदि व्यक्ति की कुंडली में त्रिषडाय भावों में पाप गृह नहीं हो तो वह व्यक्ति जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाता और अपने भाग्य या भगवान को कोसता रहता है|


परन्तु यदि केंद्र व त्रिकोण में शुभ गृह न हों और त्रिषडाय भावों में पाप गृह हो तो व्यक्ति के जीवन में कोई भी कठिन परिस्थिति आये व्यक्ति घबराता नहीं है और उसका डटकर मुकाबला करता है और एक दिन जरूर कामयाब होता है | इसे व्यक्ति अपने संघर्ष से ही अपने भाग्य का निर्माण करते हैं |


कुंडली में तीसरे भाव में पाप गृह हों वह व्यक्ति साहसी होता है और बहुत देर तक बिना थके काम कर सकता है, बातचीत करने में निपुण होता है और अपने काम में रचनात्मक होता है | इसे व्यक्ति को सफलता ज्ररूर ही मिलती है |


छठे भाव में पाप गृह हों से व्यक्ति में प्रतियोगिता में सफल होने की जिद होती है और वह आसानी से हार नहीं मानता है | वह अपने विरोधियों से लोहा लें की क्षमता रखता है |
छठे भाव से हम कर्ज का भी विचार करते हैं और कर्ज कोई बुरी चीज नहीं है | ऐसे व्यक्ति कर्ज लेकर कोई बड़ा कार्य करने से नहीं घबराते | विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष के द्वारा सफल होते हैं |


एकादश भाव लाभ और इच्छापूर्ति का भाव है | यहं प्रया: सभी गृह अच्छा फला देते है | परन्तु राहु जैसे पाप गृह यहाँ पर विशे फल देते हैं | यहं पाप गृह होने से व्यक्ति में आगे बढ़ने की चाहत होती है औउर खा गया है कि “जहाँ चाह वहां राह ” |


कुंडली में कभी भी पाप ग्रहों की दश महादशा से घबराने की आवश्यकता नहीं है | इसे ऐसा माने कि इश्वर आपकी कठिन परीक्षा लेना चाहता है | ध्यानं दें की जो छात्र आईएएस पीसीएस, आईआईटी, नीट इत्यादि जैसी कठिन परीक्षा पास करते हैं वे जीवन में बुलंदियों को प्राप्त करते हैं | इन कठिन परीक्षाओं को पास करने में त्रिषडाय भावों की विशेष भूमिका होती है |

Secret of Trishaday houses: –

Astrology is often considered the third, sixth and eleventh expressions of all texts, their owners have been considered as sin falsities |

Let us see what these expressions of importance have in our lives and whether the masters of trident expressions are always sinful |

The main things to be seen in the third house are :

Courage, means of communication, travel nearby, younger brother-in-law, creativity, age ( VIII to VIII ), social media, documentation etc

The main things to be seen in the sixth sense are: debt repu sickia

Opponent, Competition, Health, Karja, Job, Conflict Capability, Victory, Legal Case, Service

XI expressions:

Profit, euthanasia, splendor, disease ( sixth to sixth ), social circle, elder brother, friend

The most ideal situation is to have a good house in the center and triangle and a sin house in trident expressions | it is seen in very lucky coils |

Having a auspicious house in the center and triangle gives the person everything without struggle | But most of the coils have both auspicious houses in the center and triangle Is |

Life happiness is a journey of sorrow | But there is not a single auspicious house in the center triangle in the clumps | what future does it have of individuals | is this person in life Never be happy |

If you consider the factor of trident expressions, then it is a special requirement of these expressions to move forward in opposite places in the life of the Pygne | which has courage, creativity , Brothers are with ( Third expressions ), have a sense of competition, dare to face the women ( Sixth expressions ) It benefits right from person struggle, Get the will and glory |

If there are no auspicious houses in the center and triangle, then it brings many troubles in the life of the person | If there is no sin house in the trident in the horoscope of the person, then That person cannot face difficult situations in life and curses his destiny or God |

But if there is no auspicious house in the center and triangle and there is a sin house in the trident, then no difficult situation comes in the life of the person, and he will not compete against it Does and one day definitely succeeds | This person makes his fortune only through his struggle |

In the horoscope, there are sin houses in the third sense, that person is courageous and can work without getting tired for a long time, Is adept at interacting and creative in his work | it is a success for the person |

In the sixth sense, sin houses insist on the person succeeding in the competition and does not give up easily | he has the ability to iron out his opponents Is |

In the sixth sense, we also consider debt and debt is not a bad thing. | Such people do not panic about doing any big work by taking debt | conflict even under opposite circumstances Are successful by |

XI is a sense of profit and euthanasia | here: All houses make good flourish | But sin houses like Rahu give the same fruit here | Being a sin house, one wants to move in person and eat it Is that “ where the road is ” |

There is no need to panic with the Dus Mahadasha of sin planets in the horoscope | consider it as if God wants to take your hard test | Note that the student IAS PCS, They pass difficult exams like IIT, Neat etc. They get highs in life | Trishaday expressions have a special role in passing these difficult exams |

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