img 5760 2 1

हनुमान जी और वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र
यदि घर में देवीदेवताओं के चित्र लगे हों तो घर में कई तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं और घर में सुखशांति बनी रहती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में हनुमान जी की तस्वीर लगाने से कई लाभ मिलते हैं। अगर घर में वास्तु के नियमानुसार सही दिशा में सही तरह से हनुमानजी की तस्वीर लगाई जाए तो कई लाभ हो सकते हैं।
1⃣ हनुमानजी बाल ब्रहमचारी है इसलिए उनकी तस्वीर बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए। बेडरूम में लगाई गई हनुमानजी की तस्वीर शुभ फल नहीं देती।
2⃣ भगवान हनुमानजी की तस्वीर घर या दुकान में दक्षिण दिशा की ओर लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि हनुमानजी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग दक्षिण दिशा की ओर दिखाया था।
3⃣ घर मे पंचमुखी, पर्वत उठाते हुए या राम भजन करते हुए हनुमानजी की तस्वीर लगाना सबसे अच्छा होता है। इससे घर के सभी दोष खत्म हो जाते हैं।
4⃣ उत्तर दिशा में हनुमानजी की तस्वीर लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली प्रत्येक नकारात्मक शक्ति को हनुमानजी रोक देते हैं। इससे घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
5⃣ जिस रुप में हनुमानजी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हो. ऐसी तस्वीर घर में लगाने से किसी तरह की बुरी शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती।
6⃣ हनुमानजी की तस्वीर पर सिंदूर जरुर लगाना चाहिए। ऐसा कर पाने पर सिंदूर का केवल तिलक भी किया जा सकता है। इससे सभी मनोकामनाएं जरुर पूरी होती हैं

img 7886 1
हनुमान जी और वास्तु शास्त्र

हनुमान जन्मोत्सव
धर्म ग्रंथों में हनुमानजी के 12 नाम बताए गए हैं, जिनके द्वारा उनकी स्तुति की जाती है। गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीहनुमान अंक के अनुसार हनुमानजी के इन 12 नामों का जो रात में सोने से पहले सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने से पहले पाठ करता है, उसके सभी भय दूर हो जाते हैं और उसे अपने जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं। वह अपने जीवन में अनेक उपलब्धियां प्राप्त करता है। हनुमानजी की 12 नामों वाली स्तुति इस प्रकार है

img 7731 1 1

स्तुति
हनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:
लक्ष्मणप्राणदाता दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:
स्वापकाले प्रबोधे यात्राकाले : पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे विजयी भवेत्।
राजद्वारे गह्वरे भयं नास्ति कदाचन।।
इन 12 नामो से होती है हनुमानजी की स्तुति, जानिए इनकी महिमा
🙏🏻 हनुमान
हनुमानजी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योकि एक बार क्रोधित होकर देवराज इंद्र ने इनके ऊपर अपने वज्र का प्रहार किया था यह वज्र सीधे इनकी ठोड़ी (हनु) पर लगा। हनु पर वज्र का प्रहार होने के कारण ही इनका नाम हनुमान पड़ा
🙏🏻 लक्ष्मणप्राणदाता
जब रावण के पुत्र इंद्रजीत ने शक्ति का उपयोग कर लक्ष्मण को बेहोश कर दिया था, तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेकर आए थे। उसी बूटी के प्रभाव से लक्ष्मण को होश आया था।इस लिए हनुमानजी को लक्ष्मणप्राणदाता भी कहा जाता है
🙏🏻 दशग्रीवदर्पहा
दशग्रीव यानी रावण और दर्पहा यानी धमंड तोड़ने वाला हनुमानजी ने लंका जाकर सीता माता का पता लगाया, रावण के पुत्र अक्षयकुमार का वध किया साथ ही लंका में आग भी लगा दी ।इस प्रकार हनुमानजी ने कई बार रावण का धमंड तोड़ा था इसलिए इनका एक नाम ये भी प्रसिद्ध है
🙏🏻 रामेष्ट
हनुमान भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं धर्म ग्रंथों में अनेक स्थानों पर वर्णन मिलता है कि श्रीराम ने हनुमान को अपना प्रिय माना है भगवान श्रीराम को प्रिय होने के कारण ही इनका एक नाम रामेष्ट भी है
🙏🏻 फाल्गुनसुख
महाभारत के अनुसार, पांडु पुत्र अर्जुन का एक नाम फाल्गुन भी है युद्ध के समय हनुमानजी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजित थे इस प्रकार उन्होंने अर्जुन की सहायता की सहायता करने के कारण ही उन्हें अर्जुन का मित्र कहा गया है फाल्गुन सुख का अर्थ है अर्जुन का मित्र
🙏🏻 पिंगाक्ष
पिंगाक्ष का अर्थ है भूरी आंखों वाला ।अनेक धर्म ग्रंथों में हनुमानजी का वर्णन किया गया है उसमें हनुमानजी को भूरी आंखों वाला बताया है इसलिए इनका एक नाम पिंगाक्ष भी है
🙏🏻 अमितविक्रम
विक्रम का अर्थ है पराक्रमी और अमित का अर्थ है बहुत अधिक हनुमानजी ने अपने पराक्रम के बल पर ऐसे बहुत से कार्य किए, जिन्हें करना देवताओं के लिए भी कठिन था इसलिए इन्हें अमितविक्रम भी कहा जाता हैं
🙏🏻 उदधिक्रमण
उदधिक्रमण का अर्थ है समुद्र का अतिक्रमण करने वाले यानी लांधने वाला सीता माता की खोज करते समय हनुमानजी ने समुद्र को लांधा था। इसलिए इनका एक नाम ये भी है
🙏🏻 अंजनीसुत
माता अंजनी के पुत्र होने के कारण ही हनुमानजी का एक नाम अंजनीसुत भी प्रसिद्ध है
🙏🏻 वायुपुत्र
हनुमानजी का एक नाम वायुपुत्र भी है पवनदेव के पुत्र होने के कारण ही इन्हें वायुपुत्र भी कहा जाता है
🙏🏻 महाबल
हनुमानजी के बल की कोई सीमा नहीं हैं इसलिए इनका एक नाम महाबल भी है
🙏🏻 सीताशोकविनाशन
माता सीता के शोक का निवारण करने के कारण हनुमानजी का ये नाम पड़ा

img 5760 1
हनुमान जयन्ती

स्तुति
हनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:
लक्ष्मणप्राणदाता दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:
स्वापकाले प्रबोधे यात्राकाले : पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे विजयी भवेत्।
राजद्वारे गह्वरे भयं नास्ति कदाचन।।
🙏🏻 इन 12 नामो से होती है हनुमानजी की स्तुति, जानिए इनकी महिमा
🙏🏻 हनुमान
हनुमानजी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योकि एक बार क्रोधित होकर देवराज इंद्र ने इनके ऊपर अपने वज्र का प्रहार किया था यह वज्र सीधे इनकी ठोड़ी (हनु) पर लगा। हनु पर वज्र का प्रहार होने के कारण ही इनका नाम हनुमान पड़ा
🙏🏻 लक्ष्मणप्राणदाता
जब रावण के पुत्र इंद्रजीत ने शक्ति का उपयोग कर लक्ष्मण को बेहोश कर दिया था, तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेकर आए थे। उसी बूटी के प्रभाव से लक्ष्मण को होश आया था।इस लिए हनुमानजी को लक्ष्मणप्राणदाता भी कहा जाता है
🙏🏻 दशग्रीवदर्पहा
दशग्रीव यानी रावण और दर्पहा यानी धमंड तोड़ने वाला हनुमानजी ने लंका जाकर सीता माता का पता लगाया, रावण के पुत्र अक्षयकुमार का वध किया साथ ही लंका में आग भी लगा दी ।इस प्रकार हनुमानजी ने कई बार रावण का धमंड तोड़ा था इसलिए इनका एक नाम ये भी प्रसिद्ध है
🙏🏻 रामेष्ट
हनुमान भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं धर्म ग्रंथों में अनेक स्थानों पर वर्णन मिलता है कि श्रीराम ने हनुमान को अपना प्रिय माना है भगवान श्रीराम को प्रिय होने के कारण ही इनका एक नाम रामेष्ट भी है
🙏🏻 फाल्गुनसुख
महाभारत के अनुसार, पांडु पुत्र अर्जुन का एक नाम फाल्गुन भी है युद्ध के समय हनुमानजी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजित थे इस प्रकार उन्होंने अर्जुन की सहायता की सहायता करने के कारण ही उन्हें अर्जुन का मित्र कहा गया है फाल्गुन सुख का अर्थ है अर्जुन का मित्र
🙏🏻 पिंगाक्ष
पिंगाक्ष का अर्थ है भूरी आंखों वाला ।अनेक धर्म ग्रंथों में हनुमानजी का वर्णन किया गया है उसमें हनुमानजी को भूरी आंखों वाला बताया है इसलिए इनका एक नाम पिंगाक्ष भी है
🙏🏻 अमितविक्रम
विक्रम का अर्थ है पराक्रमी और अमित का अर्थ है बहुत अधिक हनुमानजी ने अपने पराक्रम के बल पर ऐसे बहुत से कार्य किए, जिन्हें करना देवताओं के लिए भी कठिन था इसलिए इन्हें अमितविक्रम भी कहा जाता हैं
🙏🏻 उदधिक्रमण
उदधिक्रमण का अर्थ है समुद्र का अतिक्रमण करने वाले यानी लांधने वाला सीता माता की खोज करते समय हनुमानजी ने समुद्र को लांधा था। इसलिए इनका एक नाम ये भी है
🙏🏻 अंजनीसुत
माता अंजनी के पुत्र होने के कारण ही हनुमानजी का एक नाम अंजनीसुत भी प्रसिद्ध है
🙏🏻 वायुपुत्र
हनुमानजी का एक नाम वायुपुत्र भी है पवनदेव के पुत्र होने के कारण ही इन्हें वायुपुत्र भी कहा जाता है
🙏🏻 महाबल
हनुमानजी के बल की कोई सीमा नहीं हैं इसलिए इनका एक नाम महाबल भी है
🙏🏻 सीताशोकविनाशन
माता सीता के शोक का निवारण करने के कारण हनुमानजी का ये नाम पड़ा

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is Copyright protected by Analyst Astro !!