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Horoscope Today October 23 2025 : Aaj ka Rashifal October 23 2025

Horoscope Today: Astrological prediction for 23 October 2025

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🕉️ वैदिक पंचांग 🕉️
दिनांक – 23 अक्टूबर 2025
दिन – गुरूवार
विक्रम संवत – 2082
शक संवत – 1947
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वितीया रात्रि 10:46 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – विशाखा 24 अक्टूबर प्रातः4:51 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग – आयुष्मान 24 अक्टूबर प्रातः 05:00 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल – दोपहर 01:49 से झशाम 03:16 तक
सूर्योदय – 06:38
सूर्यास्त – 06:07
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण – भाईदूज यम द्वितीया,चंद्र-दर्शन (शाम 05:55 से शाम 06:48 तक), हेमंत ऋतु प्रारंभ
विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनायें बधाई ओर शुभ आशीष
आपका जन्मदिन: 23 अक्टूबर

23 का अंक देखने पर ॐ का आभास देता है। जो कि भारतीय परंपरा में शुभ प्रतीक है। आप बेहद भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म 23 को हुआ है। 23 का अंक आपस में मिलकर 5 होता है। जबकि 5 का अंक बुध ग्रह का प्रतिनिधि करता है। ऐसे व्यक्ति अधिकांशत: मितभाषी होते हैं। कवि, कलाकार, तथा अनेक विद्याओं के जानकार होते हैं।

आपमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना मुश्किल है। अर्थात अगर आप अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं तो आपको कोई भी बुरी संगत बिगाड़ नहीं सकती। अगर आप खराब आचरण के हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सुधार नहीं सकती। लेकिन सामान्यत: 23 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति सौम्य स्वभाव के ही होते हैं। आपमें गजब की आकर्षण शक्ति होती है। आपमें लोगों को सहज अपना बना लेने का विशेष गुण होता है। अनजान व्यक्ति की मदद के लिए भी आप सदैव तैयार रहते हैं।

आपके लिए खास

शुभ दिनांक : 1, 5, 7, 14, 23

शुभ अंक : 1, 2, 3, 5, 9, 32, 41, 50

शुभ वर्ष : 2030, 2032, 2034, 2050, 2059, 2052

ईष्टदेव : देवी महालक्ष्मी, गणेशजी, मां अम्बे।

शुभ रंग : हरा, गुलाबी जामुनी, क्रीम

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आपकी जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल


करियर: नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह वर्ष निश्चय ही सफलताओं भरा रहेगा। वर्ष आपके लिए सफलताओं भरा रहेगा। अभी तक आ रही परेशानियां भी इस वर्ष दूर होती नजर आएंगी।

परिवार: पारिवारिक प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष से खुशखबर आ सकती है। दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। अविवाहित भी विवाह में बंधने को तैयार रहें।

कारोबार: व्यापार-व्यवसाय में प्रगति से प्रसन्नता रहेगी।

मेष (Aries)
स्वभाव: उत्साही
राशि स्वामी: मंगल
शुभ रंग: लाल
आज का दिन आपके लिए मान-सम्मान में वृद्धि लेकर आने वाला है। आपकी यश और कीर्ति बढ़ेगी, जो आपको खुशी देगी। राजनीति में आपको कोई पुरस्कार आदि भी मिल सकता है। आपके परिवार में किसी अतिथि के आने से माहौल खुशनुमा रहेगा और आप उनका स्वागत करते नज़र आएंगे। आपके डिसीजन मेकिंग पर आपको शक हो सकता है, क्योंकि आपका कोई सुझाव ग़लत रहेगा।

वृषभ (Taurus)
स्वभाव: धैर्यवान
राशि स्वामी: शुक्र
शुभ रंग: पीला
आज का दिन आपके लिए मेहनत से काम करने के लिए रहेगा, इसलिए आप कामों में कोई बदलाव न करें और आपके परिवार में किसी सदस्य के विवाह की बात पक्की हो सकती है, जिससे माहौल खुशनुमा रहेगा। आपको अपनी संतान से किए हुए वादे को पूरा करना होगा। आज आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। आपको अपने आसपास रह रहे कामों को भी कल पर नहीं डालना है।

मिथुन (Gemini)
स्वभाव: जिज्ञासु
राशि स्वामी: बुध
शुभ रंग: हरा
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। बौद्धिक व मानसिक बोझ से आपको छुटकारा मिलेगा। आपकी कुछ नया करने की कोशिश रंग लाएगी और आपको जीवनसाथी की ओर से कोई सरप्राइज गिफ्ट मिल सकता है। कार्य क्षेत्र में मनपसंद काम मिलने की संभावना है। यदि आप शेयर मार्केट आदि में इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए दिन अच्छा रहेगा। आपको कहीं घूमने-फिरने जाने से पहले अपने माता-पिता से जानकारी अवश्य लेनी होगी। आपकी किसी बात से परिवार के सदस्यों में लड़ाई-झगड़ा बढ़ सकता है।

कर्क (Cancer)
स्वभाव: भावुक
राशि स्वामी: चंद्र
शुभ रंग: ग्रे
आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। भाई व बहनों का आपको पूरा सहयोग मिलेगा। आपके परिवार में प्रॉपर्टी को लेकर कोई लड़ाई-झगड़ा छिड़ सकता है। आप अपने कामों में थोड़ा सोच-समझकर बदलाव करें। परिवार में किसी सदस्य की सेहत में गिरावट आने से भागदौड़ बनी रहेगी। वाहन की अकस्मात खराबी के कारण आपका खर्चा भी बढ़ेगा, जिससे आपका बजट डगमगा सकता है।

सिंह राशि (Leo)
स्वभाव: आत्मविश्वासी
राशि स्वामी: सूर्य
शुभ रंग:सफेद
आज आपका बिज़नेस की कोई पुरानी समस्या फिर से उभरेगी। परिवार में लोग आपकी किसी बात का बुरा मान सकते हैं। माताजी की सेहत को लेकर आप थोड़ा एहतियात बरतें। आपकी किसी जल्दबाज़ी की आदत के कारण आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आपको शीघ्रता व भावुकता में कोई निर्णय लेने से बचना होगा। किसी छोड़ी हुई नौकरी का आपको बुलावा आ सकता है।

कन्या (Virgo)
स्वभाव: मेहनती
राशि स्वामी: बुध
शुभ रंग: नीला
आज का दिन कामकाज के मामले में थोड़ा कमजोर रहने वाला है। आपके मन में उथल-पुथल रहने से कोई काम बिगड़ सकता है। आपको उधार दिया हुआ धन भी मिल सकता है। यदि आपने किसी लोन को अप्लाई किया था, तो उसके भी आपको मिलने की संभावना है। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी मिल सकती है। विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा के मार्ग प्रशस्त होंगे, उनके सीनियर उनकी पढ़ाई में खूब मदद करेंगे।

तुला (Libra)
स्वभाव: संतुलित
राशि स्वामी: शुक्र
शुभ रंग: हरा
आज आपको अपने आसपास रह रहे शत्रुओं से थोड़ा सचेत रहना होगा। बिजनेस के किसी काम को लेकर आप कहीं बाहर जा सकते हैं और आपके खर्च बढ़ने से आपकी टेंशन बढ़ेगी, लेकिन आप अपनी इनकम को थोड़ा ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ें। आप किसी नए घर में शिफ्ट कर सकते हैं। ननिहाल पक्ष का कोई व्यक्ति आपसे मेल-मुलाकात करने आ सकता है। परिवार में पुरानी बातों को लेकर बातचीत हो सकती है। आपको दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना होगा।

वृश्चिक (Scorpio)
स्वभाव: रहस्यमय
राशि स्वामी: मंगल
शुभ रंग: ग्रे
आज का दिन आपके लिए वाणी व व्यवहार पर संयम बनाए रखने के लिए रहेगा। आपकी कार्य कुशलता भी बेहतर रहेगी। परिवार के सदस्यों के साथ आप आनंदमय समय व्यतीत करेंगे और प्रेम जीवन जी रहे लोगों को साथी की किसी बात को लेकर निराशा हाथ लग सकती है और दोनों के रिश्ते में भी कड़वाहट बढ़ सकती है। आपको अपने पिताजी से किए हुए वादों को समय रहते पूरा करना होगा। आपकी लोगों से खूब पटेगी। किसी सरकारी योजना में भी सोच-समझकर निवेश करें।

धनु (Sagittarius)
स्वभाव: दयालु
राशि स्वामी: गुरु
शुभ रंग: आसमानी
आज आपकी सेहत थोड़ी कमजोर रहेगी, क्योंकि कोई गले से संबंधित समस्या आपकी टेंशनों को बढ़ा सकती है, लेकिन विद्यार्थियों को पढ़ाई-लिखाई पर पूरा ध्यान देना होगा। आपको अपने दोस्तों का पूरा सहयोग मिलेगा और परिवार के सदस्यों से काम को लेकर आपसी बातचीत अवश्य होगी। आप जल्दबाजी के कारण कोई गलत निर्णय ले सकते हैं, जो बाद में आपकी टेंशनों को बढ़ाएगा। धन-धान्य में वृद्धि होने से खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा।

मकर (Capricorn)
स्वभाव: अनुशासित
राशि स्वामी: ग्रे
शुभ रंग: नीला
आज का दिन आपके लिए नई-नई समस्याएं खड़ी कर सकता है। परिवार में किसी नए मेहमान का आगमन हो सकता है। कार्य क्षेत्र में यदि कोई समस्या है, तो उसे लेकर आप अपने किसी सीनियर से सलाह अवश्य लें और यदि घर का कोई काम रुका हुआ था, तो उसे पूरा करने की आप पूरी कोशिश करेंगे। आप किसी नए वाहन की खरीदारी कर सकते हैं, जो आपके लिए अच्छी रहेगी। आप अपनी संतान को कहीं बाहर पढ़ाई-लिखाई के लिए भी भेज सकते हैं।

कुंभ ( Aquarius)
स्वभाव: मानवतावादी
राशि स्वामी: शनि
शुभ रंग: गोल्डन
आज का दिन आपके लिए ठीक-ठाक रहने वाला है। कार्य क्षेत्र में आपको सहकर्मियों का पूरा साथ मिलेगा। आपकी किसी पुरानी गलती से पर्दा उठ सकता है, जिससे आपके प्रमोशन पर रोक लग सकती है, इसलिए कोई ऐसा काम करने से बचें। माता-पिता के आशीर्वाद से आपकी कोई बिजनेस से संबंधित डील फाइनल हो सकती है। आपको किसी दूसरे के मामले में बेवजह पड़ने से बचना होगा और संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी।

मीन (Pisces)
स्वभाव: संवेदनशील
राशि स्वामी: बृहस्पति
शुभ रंग: गुलाबी
आज का दिन आपके लिए धन-धान्य में वृद्धि लेकर आने वाला है। यदि आपको काम को लेकर कोई नया ऑर्डर आए, तो आप उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करें। किसी कानूनी मामले में आप अपनी आंख और कान खुले रखें। प्रॉपर्टी को लेकर आप कोई बड़ा निवेश करने की सोच सकते हैं। आपको आज कोई बहलाने-फुसलाने की कोशिश कर सकता है, इसलिए आप अपनी चतुर बुद्धि का प्रयोग करके उन समस्याओं से आसानी से बाहर निकलेंगे।

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Horoscope Today October 21 2025 : Aaj ka Rashifal October 21 2025

Horoscope Today: Astrological prediction for 21 October 2025

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🕉️ वैदिक पंचांग 🕉️
दिनांक – 21 अक्टूबर 2025
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
शक संवत – 1947
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ऋतु
मास – कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या शाम 05:54 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – चित्रा रात्रि 10:59 तक तत्पश्चात स्वाती
योग – विष्कंभ 22 अक्टूबर रात्रि 03:17 तक तत्पश्चात प्रीति
राहुकाल – शाम 03:16 से शाम 04:43 तक
सूर्योदय – 06:37
सूर्यास्त – 06:08
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या, कार्तिक अमावस्या, दीपावली
विशेष – अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास करना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनायें बधाई ओर शुभ आशीष
आपका जन्मदिन: 21 अक्टूबर

दिनांक 21 को जन्मे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अक्सर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं।

आपके लिए खास

शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30

शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9

शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052

ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु

शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

आपकी जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल

परिवार: दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।

करियर: नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है।

कारोबार: नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे।


मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन के आरंभिक भाग में सेहत प्रतिकूल रहेगी छाती से निचले हिस्से में गड़बड़ रहने के कारण मानसिक तनाव बनेगा लेकिन दोपहर के बाद सुधार आने लगेगा गलत दवा के सेवन से एलर्जी अथवा अन्य समस्या बन सकती है देखभालकर ही इलाज करें। कार्य व्यवसाय में आज जो भी निर्णय लेंगे उसकी सफलता संदिग्ध रहेगी अन्य लोगो का दखल देना अखरेगा फिर भी व्यवहारिकता के कारण सहन करना ही पड़ेगा। निवेश करने से बचे धन फंस सकता है नौकरी पेशा भी आज प्रयोग करने से बचे अन्यथा अन्य लोगो की गलती आपके सिर आएगी। धन की आमद आज न्यून लेकिन खर्च कल की तुलना में कम होंगे। पारिवारिक वातावरण में विरोधाभास का अनुभव होगा जिससे सहयोग की आशा करेंगे वही अपना स्वार्थ सिद्ध करने के प्रयास में रहेगा। यात्रा से कोई लाभ नही मिलने वाला सम्भव हो तो टाले।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज दिन के आरंभिक भाग में पेट संबंधित समस्या परेशान करेगी पूर्व में बरती अनियमितता के कारण आज मध्यान तक सेहत में उतार चढ़ाव लगा रहेगा इसके बाद भी स्थिति यथावत बनी रहेगी लेकिन व्यवस्तता के चलते अनुभव नही होगी। कार्य क्षेत्र पर अतिमहत्त्वपूर्ण निर्णय दोपहर से पहले ले अधूरे कार्य भी शीघ्र पूर्ण करने का प्रयास करने इसके बाद परिस्थिति हानिकारक बनने वाली है जहाँ से लाभ की उम्मीद रहेगी वहां से खाली हाथ आएंगे। धन लाभ अंत समय मे आगे के लिए निरस्त हो सकता है। सहकर्मियो का सहयोग भी अन्य दिनों की तुलना में कम ही मिलेगा। दाम्पत्य जीवन मे बाहर की तुलना में शांति रहेगी परिजन आज आपसे सुख की कामना करेंगे लेकिन ना मिलने पर परिस्थिति अनुसार स्वयं को ढाल भी लेंगे। यात्रा में चोटादि का भय है सतर्क रहें अथवा निरस्त करें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिये बीते दिनों से अच्छा रहने वाला है लेकिन आज आपका स्वभाव पल पल में बदलने से आसपास का वातावरण भी कभी प्रसन्न कभी उदास बनेगा। बीते दिनों से मन मे भरी बातें आज एकदम से बाहर आने पर सामने वाले को परेशानी होगी लेकिन मन का बोझ हल्का होने से कुछ ही देर में स्थिति स्पष्ट हो जायेगी साथ ही आपके प्रति लोगो की सहानुभूति भी बढ़ेगी। कार्य व्यवसाय में कुछ समय के लिये निराशाजनक परिणाम मिलने से उदास होंगे लेकिन फिर भी परिस्थिति अनुसार स्वयं को ढाल कर कही ना कही से लाभ अवश्य उठाएंगे। धन की आमद में व्यवधान आएंगे फिर भी खर्च निकालने लायक सहज हो जाएगी ज्यादा पाने के प्रयास में गलती कर सकते है धैर्य से काम करें आगे का समय ठीक ही बना रहेगा। दाम्पत्य जीवन मे राग द्वेष लगा रहेगा जिस कारण घर की जगह बाहर का वातावरण अधिक पसंद करेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। सेहत छोटी मोटी बातो को छोड़ लगभग सामान्य ही रहेगी स्वास्थ्य की चिंता भी आज कम ही करेंगे। आज आपका मन दो तरफा रहने से भ्रम की स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र पर नए लाभ के अनुबंध मिल सकते है पुराणों से भी आकस्मिक धन की प्राप्ति होने से उत्साह बढेगा। सहकर्मियो के ऊपर खर्च करने पर काम निकलना आसान होगा लेकिन आज दाम्पत्य जीवन मे सुख की कमी अनुभव होगी पति पत्नी में किसी न किसी बात को लेकर नए मतभेद बनेंगे संतान का भी सहयोग केवल इच्छा पूर्ति होने तक ही मिलेगा। घर के अपेक्षा बाहर सुख की तलाश में रहेंगे लेकिन आपका भावुक व्यवहार घर के सदस्यों के साथ बाहरी लोगो को भी बोझ जैसा लगेगा मन की बात किसी को ना बताये अन्यथा अन्य लोग अनुचित लाभ उठा सकते है। कार्य क्षेत्र पर नौकर सहकर्मी की गतिविधि पर नजर रखें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए मिला जुला फल देगा सेहत आज ठीक ठाक ही रहेगी आर्थिक विषयो की परवाह भी आज कम ही करेंगे। दिन के आरंभिक भाग में आध्यात्म एवं परोपकार में रुचि रहेगी लेकिन मन मे कोई न कोई उलझन रहने से ठीक से ध्यान नही दे पाएंगे। आज फिजूल की बातों पर ध्यान ना दे अपने कार्य को योजना बनाकर करे मध्यान के बाद अवश्य ही कोई सकारात्मक खबर मिल सकती है। नौकरी वालो के लिये आज दिन थोड़ा अधिक परिश्रम वाला रहेगा लेकिन इसका परिणाम अंत मे सुखद अनुभूति कराएगा। धन की आमद प्रयास करने पर आवश्यकता अनुसार हो जाएगी। दाम्पत्य जीवन एवं पैतृक कार्यो से आज उलझन के बाद भी सुख मिलेगा। तीखे वचन बोलने से बचे दिन आनददायक सिद्ध होगा। व्यावसायिक अथवा अन्य कारणों से पूर्व निर्धारित यात्रा हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन आरम्भ में आपके स्वभाव में आलस्य भरा रहेगा कार्य एकदम सर पर आने पर ही करेंगे सेहत लगभग सामान्य रहने के बाद भी कार्य करने का उत्साह नही बन पाएगा जिसके परिणाम स्वरूप घर मे परिजन एवं कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी अधिकारी की खरी खोटी सुन्नी पड़ेगी। दोपहर के बाद स्वभाव में एकदम से परिवर्तन आएगा जो लोग आपके विपरीत थे उन्हें गलती का अहसास कराएंगे लेकिन लोगो के मन में शक फिर भी बना रहेगा। कार्य व्यवसाय में आज कोई भी बड़ा निर्णय दोपहर के बाद ही ले अथवा कल ले लिए टालना भी बेहतर रहेगा। धन लाभ की संभावनाए बनेंगी लेकिन अंत चरण में पहुचकर या तो निरस्त होंगी या बहुत कम होने से मन निराश होगा। घर मे दोपहर तक मौन रहने का प्रयास करें खासकर महिलाए पुरानी बातों को भूलकर नए कार्यो पर ध्यान दें। यात्रा ये किसी न किसी रूप में लाभ होगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन बीते दिनों की तुलना में बेहतर रहने वाला है लेकिन इसको बेहतर बनाने के लिये दिन के आरम्भ से ही स्वभाव में नरमी और जिद को त्यागना पड़ेगा तभी दिन का आनंद उठा पाएंगे। सेहत आज ठीक ठाक ही रहेगी कार्य क्षेत्र पर व्यवस्तता के बाद भी थकान अनुभव नही करेंगे रोजगार के संबंध में छोटी बड़ी यात्रा भी हो सकती है इससे लाभ के साथ ही नई जगह देखने को मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर पूर्व में की मेहनत दोपहर के बाद फल देने लगेगी लेकिन आर्थिक मामलों में जल्दबाजी ना करें संतोषि व्यवहार रखने पर धन के साथ सम्मान भी बढ़ेगा। नौकरी पेशाओ को जिस कार्य मे उत्साह नही रहेगा उसे करने पर प्रशंसा के साथ आय के स्त्रोत्र भी बन सकते है। घर परिवार का वातावरण आज सुखद रहेगा दाम्पत्य सुख भी उत्तम मिलेगा। विपरीत लिंगीय आकर्षण बढ़ने के कारण ख्याली पुलाव पकाएंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन का आरंभ शांति प्रद रहेगा लेकिन जैसे जैसे दिन चढ़ेगा घरेलू एवं व्यावसायिक उलझने भी बढ़ती जाएंगी। आपका स्वभाव दिन के आरंभ में अत्यंत स्वार्थी रहेगा आपने लाभ के लिये किसी अन्य का नुकसान करने से भी नही चूकेंगे फिर भी जिस भी चीज अथवा कार्य से लाभ पाना चाहेंगे वह किसी अन्य को मिलने की संभावना है आपको मिलने पर भी कुछ कमी रहेगी। दोपहर के बाद किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा भागदौड़ करने से बचेंगे। कार्य व्यवसाय में धन लाभ दिन के पहले भाग में होगा इस समय अधिक सतर्कता बरते दोपहर बाद भी धन प्राप्ति के संयोग बनेंगे लेकिन कछ कमी के कारण निरस्त भी हो सकते है। घरेलू जिम्मेदारी बढ़ने पर कुछ समय के लिये असहजता होगी फिर भी निष्ठा से निभायेंगे। यात्रा से आज लाभ की उम्मीद ना रखें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन के आरंभिक भाग में सेहत चुस्त रहेगी लेकिन मन मे कोई चिंता भी बनी रहेगी। अतिआवश्यक कार्य दोपहर से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें इसके बाद बनते कार्य बिगड़ने लगेंगे आपसी संबंधों में भी भावनाओ की कमी आएगी हर कोई अपने स्वार्थ के लिये ही व्यवहार करेगा। घर मे गकतफहमी अथवा किसी पुरानी गलती के चलते तीखी झड़प होने की संभावना है आज राह चलते लोग भी आपको बुरा भला कह सकते है प्रतिक्रिया देने से पहले आगे होने वाले नुकसान को अवश्य ध्यान में रखें। कार्य क्षेत्र पर लाभ के अवसर मिलते रहेंगे लेकिन कलह क्लेश के कारण आज कोई भी लाभ मन को लुभा नही पायेगा। नौकरी पेशाओ को कार्य क्षेत्र पर नए अनुभव मिलेंगे लापरवाही ना करें अन्यथा लंबे समय तक उन्नति को तरसेंगे। आज प्रत्येक कार्य दूरदृष्टि रखकर ही करना हितकर रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के आरंभिक भाग में आर्थिक एवं पारिवारिक कारणों से मन मे बेचैनी बानी रहेगी सेहत भी थोड़ी नरम रहने के कारण कार्यो में ढील देंगे। दोपहर के बाद स्थिति एकदम उलट होने लगेगी स्वभाव में हल्कापन अनुभव करेंगे विपरीत परिस्थिति में भी मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे आप स्वयं अंदर से चिंताग्रस्त होने के बाद भी आस पास के लोगो को अपने मजाकिया व्यवहार से हंसने पर मजबूर कर देंगे। कार्य व्यवसाय में दोपहर तक अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ेगा इसका फल निश्चित रूप से धन लाभ के रूप में मिलेगा परन्तु थोड़ा इंतजार करने के बाद ही। निवेश का जोखिम आज की जगह कल लेना ज्यादा बेहतर रहेगा। गृहस्थ में प्रातः जैसा तनाव अनुभव होगा संध्या के समय उससे अधिक आनंद मिलेगा। पति पत्नी में नोकझोंक के बाद भी आवश्यक कार्यो को लेकर एकमत हो जाएंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपका भविष्य बनाने में सहयोग करेगा सेहत में आज कल की अपेक्षा सुधार अनुभव होगा लेकिन चुस्ती की कमी दिन के आरंभ में रहेगी बाद में धीरे धीरे सामान्य हो जाएगी। मध्यान से पहले किसी आवश्यक कार्य के लिये भागदौड़ करनी पड़ेगी लेकिन कोई न कोई अड़चन आने से तुरंत सफलता नही मिल पाएगी मन मे कुछ देर के लिए विपरीत खयाल आएंगे परन्तु धैर्य से काम लें मध्यान के बाद किसी बाहरी व्यक्ति का सहयोग समर्थन मिलने से अपनी योजनाओं में सफलता पा लेंगे। आज व्यवसाय में निवेश करने से पहले बाजार की मांग का अवश्य ख्याल करें जल्दबाजी में हानि हो सकती है। पारिवारिक वातावरण में शांति रहेगी मित्र परिचित स्वार्थ के लिये अधिक मीठे बनेंगे। आज आर्थिक कारणों से होने वाली यात्रा टालना ही बेहतर रहेगा लाभ की जगह खर्च ही होगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप मन ही मन किसी बात को लेकर चिंतित रहेंगे लेकिन अन्य लोगो के लिये अच्छे मार्गदर्शक सिद्ध होंगे। सेहत पेट संबंधित छोटी मोटी संमस्या को छोड़ उत्तम रहेगी खाने पीने में संयम रखें अन्यथा बेकार में दवाइयां खानी पड़ेंगी। कार्यक्षेत्र पर आपके धैर्य और नियंत्रण क्षमता की तारीफ होगी। प्रलोभन भी दिए जाएंगे इनसे दूर रहे अन्यथा भविष्य में ठगी का शिकार हो सकते है। दिन के आरंभ में बुद्धि विवेक से काम लेना मध्यान के बाद लाभ के मार्ग खोलेगा। धन की आमद आज आशाजनक नही होगी फिर भी कामचलाऊ आय आसानी से प्राप्त कर लेंगे। नौकरी पेशाओ को सहकर्मी द्वारा धमकी अथवा गलत आचरण का सामना करना पड़ेगा जिससे कुछ समय के लिये मानसिक दबाव अनुभव होगा। पारिवारिक वातावरण में आपसी समझ और तालमेल बना रहेगा। यात्रा की योजना बनते बनते अंत समय मे टल सकती है।

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दीपावली पूजन विधिः

दीपावली के पर्व पर सभी भक्तजन माँ लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए अनेक प्रकार के जतन करते हैं । कुछ लोग इस दिन विशिष्ट साधनाएँ करते हैं , लेकिन सामान्य पूजन सभी करते हैं । इस दिन सायंकाल में शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी की विविध उपचारों से पूजा -अर्चना की जाती है । एक विशेष समस्या इस पूजा -अर्चना में प्रायः देखी जाती है कि महालक्ष्मी पूजन में प्रयुक्त मन्त्र संस्कृत भाषा में लिखी होने के कारण थोड़े क्लिष्ट होते हैं और इसी कारण आमजन इनका प्रयोग नहीं कर पाते हैं । पाठकगणों की इस समस्या का अनुभव करते हुए हिन्दी मन्त्रों से महालक्ष्मी का पूजन -अर्चना किया जा रहा है । हालॉंकि संस्कृत मन्त्रों का अपना महत्त्व है , लेकिन माँ तो भाव को ही प्रधानता देती है । यदि आप अपनी भाषा में अपने भाव माँ के समक्ष अच्छे से व्यक्त कर सकते हैं , तो वही भाषा आपके लिए सर्वश्रेष्ठ है । आइए , इस दीपावली पर हम अपनी भाषा में अपने भाव व्यक्त करके माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं ।

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पूजन हेतु सामग्री

रोली , मौली , लौंग , पान , सुपारी , धूप , कर्पूर , अगरबत्ती , अक्षत (साबुत चावल ), गुड़ , धनिया , ऋतुफल , जौ , गेहूँ , टूब , पुष्प , पुष्पमाला , चन्दन , सिन्दूर , दीपक , रूई , प्रसाद , नारियल , सर्वोषधि , पंचरत्न , यज्ञोपवीत , पंचामृत , शुद्ध जल , खील , मजीठ , सफेद वस्त्र , लाल वस्त्र , फुलेल , लक्ष्मी जीव एवं गणेश जी का चित्र या पाना , चौकी (बाजौट ), कलश , घी , कमलपुष्प , इलायची , माचिस , दक्षिणा हेतु नकदी , चॉंदी के सिक्के , बहीखाता , कलम तथा दवात । आदि ।

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पूजा विधान एवं नियम

दीपावली के दिन सायंकाल पूजन करने से पूर्व शुद्ध जल से स्नान करके स्वच्छ एवं सुन्दर वस्त्र धारण कर सकुटुम्ब पूजन करने के लिए तैयार हों । लक्ष्मी जी के पूजन हेतु जो स्थान आपने निश्चित किया है , उसको स्वच्छ जल से धोकर उस पर बैठने हेतु आसन लगाएँ । आपको पूजन करते समय यह अवश्य ही ध्यान रखना है कि आपका मुँह पूर्व दिशा की ओर हो अर्थात् लक्ष्मी जी का चित्र अथवा पाना पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए । यदि पूर्व दिशा की ओर जगह नही बन पा रही हो , तो आप पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजन कर सकते हैं ।

लक्ष्मी पूजन हेतु उपर्युक्त साम्रगी पहले ही एक स्थान पर एकत्र करके एक थाल में तैयार कर लेनी चाहिए । पाटा (चौकी ) पर आसन बिछाकर उस पर श्री गणेश जी एवं लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित कर दें । उसके बायीं ओर दूसरे पाटे पर आधे में सफेद वस्त्र एवं आधे में लाल वस्त्र बिछाकर सफेद वस्त्र पर चावल की नौ ढेरी नवग्रह की एवं गेहूँ की सोलह ढेरी षोडशमातृका की बना लें । एक मिट्टी के कलश अथवा तॉंबे के कलश पर स्वस्तिक बनाकर उसके गले में मौली बॉंधकर उसके नीचे गेहूँ अथवा चावल डालकर रखें । उसके ऊपर नारियल पर मौली बॉंधकर रख दें । पूजन प्रारम्भ करने के लिए घी का एक दीपक बनाकर तैयार करके और उसे गणेश जी एवं लक्ष्मी जी के चित्र के समान थोड़े गेहूँ डालकर उस पर रखकर प्रज्वलित कर दें । तत्पश्चात् दीपक पर रोली , चावल , पुष्प चढ़ाएँ एवं निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए प्रार्थना करे।

‘ हे दीपक ! तुम देव हो , कर्म साक्षी महाराज ।

जब तक पूजन पूर्ण हो , रहो हमारे साथ॥ ’

दीपक पूजन के उपरान्त एक जलपात्र में पूजा के निमित्त जल भरकर अपने सामने रखकर उसके नीचे अक्षत , पुष्प डालकर गंगा , यमुना आदि नदियों का निम्नलिखित मन्त्र से आवाहन करे।

गंगा यमुना , गोदावरी नदियन की सिरताज ।

सिंधु , नर्मदा , कावेरी , सरस्वती सब साथ ॥

लक्ष्मी पूजन लक्ष्य है , आज हमारे द्वार ।

सब मिल हम आवाहन करें , आओ बारम्बार ॥

तत्पश्चात् जलपात्र से बायें हाथ में थोड़ासा जल लेकर दाहिने हाथ से अपने शरीर पर छीटें देते हुए बोले ।

वरुण विष्णु सबसे बड़े , देवन में सिरताज ।

बाहर -भीतर देह मम , करो शुद्ध महाराज ॥

फिर तीन बार आचमन करें और उच्चारण करे ।

श्रीगोविन्द को नमस्कार ।

श्री माधव को नमस्कार ।

श्री केशव को नमस्कार ॥

अब दाहिने हाथ में अक्षत , पुष्प , चन्दन , जल तथा दक्षिणा लेकर निम्नलिखित संकल्प बोलें ।

‘ श्रीगणेश जी को नमस्कार । श्री विष्णु जी को नमस्कार । मैं …..( अपने नाम का उच्चारण करें ) जाति …..( आपनी जाति का उच्चारण करें ) गोत्र …..( अपने गोत्र का उच्चारण करें ) आज ब्रह्मा की आयु के द्वितीय परार्द्ध में , श्री श्वेतवाराह कल्प में , वैवस्वत मन्वन्तर में , २८वें कलियुग के प्रथम चरण में , बौद्धावतार में , पृथ्वी लोक के जम्बू द्वीप में , भरत खण्ड नामक भारतवर्ष के …..( अपने क्षेत्र का नाम लें )….. नगर में ( अपने नगर का नाम लें )….. स्थान में ( अपने निवास स्थान का नाम लें ) संवत् २०६७ , कार्तिक मास , कृष्ण पक्ष , अमावस्या तिथि , शुक्रवार को सभी कर्मों की शुद्धि के लिए वेद , स्मृति , पुराणों में कहे गए फलों की प्राप्ति के लिए , धन – धान्य , ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए , अनिष्ट के निवारा तथा अभीष्ट की प्राप्ति के लिए परिवार सहित महालक्ष्मी पूजन निमित्त तथा माँ लक्ष्मी की विशेष अनुकम्पा हेतु गणेश पूजनादि का संकल्प कर रहा हूँ । ’

अब ऐसा कहते हुए गणेश जी की मूर्ति पर अथवा थाल में स्वस्तिक बनाकर सुपारी पर मोली लगाकर रखें ।

उसके उपरान्त गणेश जी का आवाहन निम्नलिखित मन्त्र से करें ।

सिद्धि सदन गज वदन वर , प्रथम पूज्य गणराज ।

प्रथम वन्दना आपको , सकल सुधारो काज ॥

जय गणपति गिरिजा सुवन रिद्धि -सिद्धि दातार ।

कष्ट हरो मंगल करो , नमस्कार सत बार ॥

रिद्धि -सिद्धि के साथ में , राजमान गणराज ।

यहॉं पधारो मूर्ति में , आओ आप बिराज ॥

शोभित षोडशमातृका , आओ यहॉं पधार ।

गिरिजा सुत के साथ में , करके कृपा अपार ॥

सूर्य आदि ग्रह भी , करो आगमन आज ।

लक्ष्मी पूजा पूर्ण हो , सुखी हो समाज ॥

आवाहन के पश्चात् हाथ में अक्षत लेकर सुपारी रूपी गणेश जी पर छोड़ते हुए श्रीगणेश जी को आसन दें ।

इसके उपरान्त गणेश जी का पूजन निम्नलिखित प्रकार से करें । तीन बार जल के छीटें देकर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करे ।

पाद्य अर्घ्य वा आचमन , का जल यह तैयार ।

उसको भी प्रेमये , कर लो तुम स्वीकार ॥

पाद्य स्वीकार करें । अर्घ्य स्वीकार करें । आचमन हेतु जल स्वीकार करें ।

यह बोलकर जल के छीटें दें ।

स्नान हेतु जल स्वीकार करें । जल के छीटें दें ।

वस्त्र स्वीकार करें । बोलकर मोली चढ़ाएँ ।

गन्ध स्वीकार करें । रोली चढ़ाएँ ।

अक्षत स्वीकार करें । चावल चढ़ाएँ ।

पुष्प स्वीकार करें । पुष्प चढ़ाएँ ।

धूप स्वीकार करें । धूप करें ।

दीपक के दर्शन करें । दीपक दिखाएँ ।

मिष्टान्न स्वीकार करें । प्रसाद चढ़ाएँ ।

आचमन हेतु जल स्वीकार करें । कहकर जल के छीटें दें ।

ऋतुफल स्वीकार करें । ऋतुफल चढ़ाएँ ।

मुखशुद्धि के लिए पान स्वीकार करें । पान , सुपारी चढ़ाएँ ।

दक्षिणा स्वीकार करें । कहते हुए नकदी चढ़ाएँ ।

नमस्कार स्वीकार करें । नमस्कार करें ।

अब करबद्ध होकर गणेशजी को निम्नलिखित मन्त्र से नमस्कार करे ।

विघ्न हरण मंगल करण , गौरी सुत गणराज ।

मैं लियो आसरो आपको , पूरण करजो काज ॥

षोडशमातृका पूजन

गणेश पूजन के उपरान्त षोडशमातृका का पूजन करना चाहिए । हाथ में चावल लेकर दाहिने हाथ की ओर स्थापित लाल वस्त्र पर आरूढ़ षोडशामातृका पर चावल छोड़ते हुए निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

बेग पधारो गेह मम , सोलह माता आप ।

वंश बढ़े , पीड़ा कटे , मिटे शोक संताप ॥

इसके पश्चात् जिस प्रकार से गणेश जी का पूजन किया था , उसी प्रकार से षोडशमातृका का पूजन करें । अन्त में निम्नलिखित मन्त्र के साथ षोडशमातृका को नमस्कार करें ।

सोलह माता आपको , नमस्कार सत बार ।

पुष्टि तुष्टि मंगल करो , भरो अखण्ड भण्डार ॥

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नवग्रह पूजन

बायें हाथ में चावल लेकर दाहिने हाथ से सफेद वस्त्र पर चावल छोड़े एवं निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

रवि शशि मंगल बुध , गुरु शुक्र शनि महाराज ।

राहु केतु नवग्रह नमो , सकल सँवारो काज ॥

हे नवग्रह तुमसे करूँ , विनती बारम्बार ।

मैं तो सेवक आपको , रखो कृपा अपार ॥

इसके पश्चात् जिस प्रकार गणेश जी का पूजन किया था , उसी प्रकार नवग्रह का भी पूजन करें ।

कलश पूजन

कलश पूजन हेतु बायें हाथ में अक्षत लेकर दाहिने हाथ से मिट्टी के कलश (जिसमें शुद्ध जल भरा हो ) पर अक्षत चढ़ाते हुए वरुण देवता का निम्नलिखित मन्त्र से आवाहन करें ।

जल जीवन हे जगत का , वरुण देव का वास ।

सकल देव निस दिन करें , कलश महि निवास ॥

गंगादिक नदियॉं बसें , सागर स्वल्प निवास ।

पूजा हेतु पधारिए पाप शाप हो नाश ॥

इसके पश्चात् जिस प्रकार गणेश जी का पूजन किया गया था , उसी प्रकार कलश का पूजन करें ।

रक्षा विधान विधि

बायें में मौली , रोली , अक्षत , पुष्प तथा दक्षिणा लेकर दाहिने हाथ से बन्द कर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण कर अक्षत को चारों दिशाओं में थोड़ा -थोड़ा छोड़ें ।

पूरब में श्रीकृष्ण जी , दक्षिण में वाराह । पश्चिम केशव दुःख हरे , उत्तर श्रीधर शाह ॥

ऊपर गिरधर कृष्ण जी , शेषनाग पाताल ।

दसों दिशा रक्षा करें , मेरी नित गोपाल ॥

इसके पश्चात् उपर्युक्त मौली , रोली , चावल , पुष्प आदि गणेश जी को चढ़ाएँ और मौली उठाकर सभी देवताओं गणेश जी , लक्ष्मी जी आदि को चढ़ाएँ । इसके पश्चात् परिजनों के बॉंधते हुए तिलक करें ।

अब लक्ष्मी पूजन करने के लिए पूर्व स्थापित लक्ष्मी जी की तस्वीर के पास चॉंदी की कटोरी में अथवा अन्य बर्तन में चॉंदी के सिक्के अथवा प्रचलित रुपए के सिक्कों को कच्चे दूध एवं पंचामृत से स्नान कराएँ एवं फिर पुष्प एवं चावल दाहिने हाथ में लेकर श्री महालक्ष्मी का आवाहन निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए करें ।

जयजगजननी , जय , रमा , विष्णुप्रिया जगदम्ब ।

बेग पधारो गेह मम , करो न मातु विलम्ब ॥

पाट विराजो गेह मम , भरो अखण्ड भंडार ।

श्रद्धा सहित पूजन करूँ , करो मातु स्वीकार॥

मातु लक्ष्मी करो कृपा , करो हृदय में वास ।

मनोकामना सिसद्ध करो , पूरण हो मेरी आस ॥

यही मोरि अरदास , हाथ जोड़ विनती करूँ ।

सब विधि करों सुवास , जय जननी जगदम्बा ॥

सब देवन के देव जो , हे विष्णु महाराज ।

हो उनकी अर्धांगिनी , हे महालक्ष्मी आप ॥

मैं गरीब अरजी धरूँ ; चरण शरण में माय ।

जो जन तुझको पूजता , सकल मनोरथ पाय ॥

आदि शक्ति मातेश्वरी , जय कमले जगदम्ब ।

यहॉं पधारो मूर्ति में , कृपा करो अविलम्ब ॥

इस प्रकार दोनों हाथों से पुष्प एवं चावल लक्ष्मी जी के पास छोड़े और तीन बार जल के छीटें दे और उच्चारण करें ।

पाद्य स्वीकार करें , अर्घ्य स्वीकार करें , आचमन हेतु जल स्वीकार करें ।

नमस्कार करते हुए मन्त्र कहें :

पाद्य अर्घ्य व आचमन का जल है यह तैयार ।

उसको भी माँ प्रेम से , कर लो तुम स्वीकार ॥

इसके पश्चात् ‘दुग्ध स्नान स्वीकार करें ’ कहते हुए दूध के छींटें दें तथा पंचामृत से स्नान करवाते हुए निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

दूध , दही घी , मधु तथा शक्कर से कर स्नान ।

निर्मल जल से कीजियो , पीछे शुद्ध स्नान ॥

वस्त्र स्वीकार करें ऐसा कहते हुए मौली चढ़ाएँ तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

कुंकुम केसर का तिलक , और माँग सिन्दूर ।

लेकर सब सुख दीजियो , कर दो माँ दुःख दूर ॥

नयन सुभग कज्जल सुभग , लो नेत्रों में डाल ।

करो चूडियों से जननी , हाथों का श़ृंगार ॥

अक्षता स्वीकार करें , कहते हुए चावल चढ़ाएँ ।

‘ पुष्प स्वीकार करें ’ कहते हुए पुष्प अर्पित करें ।

धूप स्वीकार करें , कहते हुए धूप करें तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

गन्ध अक्षत के बाद में , यह फूलों का हार ।

धूप सुगन्धित शुद्ध घी का , दीपक है तैयार ॥

‘ दीप ज्योति का दर्शन करें ’, कहते हुए दीपक दिखाएँ ।

‘ मिष्टान्न एवं ऋतुफल स्वीकार करें ’, कहते हुए प्रसाद चढ़ाएँ तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

भोग लगाता भक्ति से , जीमो रुचि से धाप ।

करो चुल्लू ऋतफल सुभग , आरोगो अब आप ॥

‘ आचमन हेतु जल स्वीकार करें ’, कहते हुए पान सुपारी चढ़ाएँ तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

ऐलापूगी लवंगयुत , माँ खालो ताम्बूल ।

क्षमा करो मुझसे हुई , जो पूजा में भूल ॥

‘ दक्षिणा स्वीकार करें ’, कहते हुए नकदी चढ़ाएँ और निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

क्या दे सकता दक्षिणा , आती मुझको लाज ।

किन्तु जान पूजांग यह , तुच्छ भेंट है आज ॥

नमस्कार करें और निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

विष्णुप्रिया सागर सुता , जनजीवन आधार ।

गेह वास मेरे करो , नमस्कार शतवार ॥

इसके पश्चात् दीपमालिका पूजन करें । जो व्यक्ति सायंकाल (प्रदोषकाल ) में लक्ष्मी पूजन करते हैं , वे लक्ष्मी पूजन करने के पश्चात् तथा जो व्यक्ति रात्रि में पूजन करते हैं , उन्हें सायंप्रदोषकाल में दीपकों का पूजन अपनी पारिवारिक परम्परा के अनुसार करना चाहिए । एक बड़े थाल के बीच में बड़ा दीपक तथा अन्य छोटे दीपकों को शुद्ध जल से स्नान करवाकर रखें । उसमें शुद्ध नई रुई की बत्ती बनाकर सरसों के तेल या तिल्ली के तेल से प्रज्वलित करें और दाहिने हाथ में अक्षत एवं पुष्प अर्पित करते हुए निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

हे दीपक ! तुम देव हो , कर्मसाक्षी महाराज ।

जब तक पूजन पूर्ण हो , रहो हमारे साथ ॥

शुभ करो कल्याण करो आरोग्य सुख प्रदान करो ।

बुद्धि मेरी तीव्र करो , दीप ज्योति नमस्कार हो ॥

आत्म तत्त्व का ज्ञान दो , बोधिसत्व प्रकाश दो ।

दीपावली समर्पित तुम्हें , मातेश्वरी स्वीकार करो ॥

इस मन्त्र का उच्चारण कर दीपकों को नमस्कार करें एवं जल के छीटें दें । इसके पश्चात् लक्ष्मी जी की आरती करने के लिए दिपकों में से बड़ा दीपक लक्ष्मी जी के सामने रखें तथा आरती करें

ॐ जय लक्ष्मी माता , मैया जय लक्ष्मी माता ॥

तुमको निसदिन सेवत , हर विष्णु धाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा , रमा , ब्रह्माणी , तुम ही जग माता ॥

सूर्य , चन्द्रमा ध्यावत , नारद ऋषि गाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रूप निरंजनी , सुख -संम्पत्ति दाता ॥

जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि सिद्धि धन पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल निवासिनी , तू ही शुभ दाता ॥

कर्म प्रभाव प्रकाशिनि , नव निधि की दाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहती , तहँ सब सद्गुण आता॥

सब सम्भव हो जाता , मन नहीं घबराता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

तुम बिन यज्ञ न होवे , वस्त्र न हो पाता ॥

खान -पान अरु वैभव तुम बिन नहीं आता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

शुभ गुण मन्दिर सुन्दर , क्षीरदधि जाता ॥

रत्न चतुर्दश तुम बिन , कोई नहीं पाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

आरती श्री लक्ष्मीजी की जो कोई नर गाता ॥

उर आनन्द समाता , पाप उत्तर जाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

स्थिर चर जगत बखाने , कर्म प्रचुर लाता ॥

जो कोई मातु आपकी , शुभ दृष्टि पाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

जय लक्ष्मी माता , मैया जय लक्ष्मी माता ॥

तुमको निशदिन सेवत , हर विष्णु धाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

क्षमा प्रार्थना

ब्रह्माविष्णुशिव रुपिणी , परम ब्रह्म की शक्ति ।

मुझ सेवक को दीजिए , श्रीचरणों की भक्ति ॥

अपराधी नित्य का , पापों का भण्डार ।

मुझ सेवक को कीजियो , दुःखसागर से पार ॥

हो जाते हैं पूत तो , कई पूत अज्ञान ।

पर माता तो कर दया , रखती उनका ध्यान ॥

ऐसा मन में धारकर , कृपा करो अवलम्ब ।

और प्रार्थना क्या करूँ ? तू करुणा की खान ॥

त्राहि -त्राहि मातेश्वरी , मैं मूरख अज्ञान ॥

धरणी पर जब तक जीऊँ , रटूँ आपका नाम ।

तब दासों के सिद्ध सब , हो जाते हैं काम ॥

इसके पश्चात् ‘श्री महालक्ष्मी की जय ’ सब एक साथ बोलें तथा सारे कुटुम्ब के लोग मिलकर श्री गणेशजी , वरुण , षोडशमातृका , नवग्रह और महालक्ष्मी को प्रणाम करके कहें कि ‘हे सभी देवताओं ! आप सब तो यथास्थान प्रस्थान कीजिए तथा श्रीमहालक्ष्मी एवं ऋद्धि -सिद्धि और शुभ -लाभ सहित गणेश जी आप हमारे घर में और व्यापार में विराजमान रहिए और अन्त में हाथ जोड़कर निम्नलिखित उच्चारण करें । ’

त्राहि -त्राहि दुःखहारिणी , हरो बेगि सब त्रास ।

जयति -जयति जयलक्ष्मी , करो दुःखों का नाश ॥

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