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मकर संक्रांति 2024

img 5585मकर संक्रांति 2024 विशेष

आत्मोद्धारक व जीवन-पथ प्रकाशक पर्व – मकर संक्रांति (15 जनवरी 2024 सोमवार को पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक )

जिस दिन भगवान सूर्यनारायण उत्तर दिशा की तरफ प्रयाण करते हैं, उस दिन उतरायण (मकर संक्रांति) का पर्व मनाया जाता है | इस दिन से अंधकारमयी रात्रि कम होती जाती है और प्रकाशमय दिवस बढ़ता जाता है | उत्तरायण का वाच्यार्थ है कि सूर्य उत्तर की तरफ, लक्ष्यार्थ है आकाश के देवता की कृपा से ह्दय में भी अनासक्ति करनी है | नीचे के केन्द्रों में वासनाएँ, आकर्षण होता है व ऊपर के केन्द्रों में निष्कामता, प्रीति और आनंद होता है | संक्रांति रास्ता बदलने की सम्यक सुव्यवस्था है | इस दिन आप सोच व कर्म की दिशा बदलें | जैसी सोच होगी वैसा विचार होगा, जैसा विचार होगा वैसा कर्म होगा | हाड-मांस के शरीर को सुविधाएँ दे के विकार भोगकर सुखी होने की पाश्चात्य सोच है और हाड-मांस के शरीर को संयत, जितेन्द्रिय रखकर सदभाव से विकट परिस्थितियों में भी सामनेवाले का मंगल चाहते हुए उसका मंगलमय स्वभाव प्रकट करना यह भारतीय सोच है |

सम्यक क्रांति…. ऐसे तो हर महिने संक्रांति आती है लेकिन मकर संक्रांति साल में एक बार आती है | उसीका इंतजार किया था भीष्म पितामह ने | उन्होंने उत्तरायण काल शुरू होने के बाद ही देह त्यागी थी |

पुण्यपुंज व आरोग्यता अर्जन का दिन

जो संक्रांति के दिन स्नान नहीं करता वह ७ जन्मों तक निर्धन और रोगी रहता है और जो संक्रांति का स्नान कर लेता है वह तेजस्वी और पुण्यात्मा हो जाता है | संक्रांति के दिन उबटन लगाये, जिसमे काले तिल का उपयोग हो |

भगवान सूर्य को भी तिलमिश्रित जल से अर्घ्य दें | इस दिन तिल का दान पापनाश करता है, तिल का भोजन आरोग्य देता है, तिल का हवन पुण्य देता है | पानी में भी थोड़े तिल डाल के पियें तो स्वास्थ्यलाभ होता है | तिल का उबटन भी आरोग्यप्रद होता है | इस दिन सुर्योद्रय से पूर्व स्नान करने से १० हजार गौदान करने का फल होता है | जो भी पुण्यकर्म उत्तरायण के दिन करते हैं वे अक्षय पुण्यदायी होते हैं | तिल और गुड के व्यंजन, चावल और चने की दाल की खिचड़ी आदि ऋतु-परिवर्तनजन्य रोगों से रक्षा करती है | तिलमिश्रित जल से स्नान आदि से भी ऋतु-परिवर्तन के प्रभाव से जो भी रोग-शोक होते हैं, उनसे आदमी भिड़ने में सफल होता है

सूर्यदेव की विशेष प्रसन्नता हेतु मंत्र

ब्रम्हज्ञान सबसे पहले भगवान सूर्य को मिला था | उनके बाद रजा मनु को, यमराज को…. ऐसी परम्परा चली | भास्कर आत्मज्ञानी हैं, पक्के ब्रम्ह्वेत्ता हैं | बड़े निष्कलंक व निष्काम हैं | कर्तव्यनिष्ठ होने में और निष्कामता में भगवान सूर्य की बराबरी कौन कर सकता है ! कुछ भी लेना नहीं, न किसी से राग है न द्वेष है | अपनी सत्ता-समानता में प्रकाश बरसाते रहते हैं, देते रहते हैं |

पद्म पुराण’ में सूर्यदेवता का मूल मंत्र है : ॐ ह्रां ह्रीं स: सूर्याय नम: | अगर इस सूर्य मंत्र का ‘आत्मप्रीति व आत्मानंद की प्राप्ति हो’ – इस हेतु से भगवान भास्कर का प्रीतिपूर्वक चिंतन करते हुए जप करते हैं तो खूब प्रभु-प्यार बढेगा, आनंद बढेगा |

ओज-तेज-बल का स्त्रोत : सूर्यनमस्कार

सूर्यनमस्कार करने से ओज-तेज और बुद्धि की बढ़ोत्तरी होती है |

ॐ सूर्याय नम: |

ॐ भानवे नम: |

ॐ खगाय नम:

ॐ रवये नम:

ॐ अर्काय नम: |…..

आदि मंत्रो से सूर्यनमस्कार करने से आदमी ओजस्वी-तेजस्वी व बलवान बनता है | इसमें प्राणायाम भी हो जाता है, कसरत भी हो जाती है |

सूर्य की उपासना करने से, अर्घ्य देने से, सूर्यस्नान व सूर्य-ध्यान आदि करने से कामनापूर्ति होती है | सूर्य का ध्यान भ्रूमध्य में करने से बुद्धि बढती है और नाभि-केंद्र में करने से मन्दाग्नि दूर होती है, आरोग्य का विकास होता है |

आरोग्य व पुष्टि वर्धक : सूर्यस्नान

सूर्य की धूप में जो खाद्य पदार्थ, जैसे-घी, तेल आदि २ – ४ घंटे रखा रहे तो अधिक सुपाच्य हो जाता है | धूप में रखे हुए पानी से कभी –कभी स्नान कर सकते हैं | इससे सूखा रोग (Rickets) नहीं होता और रोगनाशिनी शक्ति बरक़रार रहती है |

सूर्य की किरणों से रोग दूर करने की प्रशंसा ‘अथर्ववेद’ में भी आती है | कांड – १, सूक्त २२ के श्लोकों में सूर्य की किरणों का वर्णन आता है |

मैं १५-२० मिनट सूर्यस्नान करता हूँ | लेटे–लेटे सूर्यस्नान करना और भी हितकारी होता है लेकिन सूर्य की कोमल धूप हो, सूर्योदय से एक-डेढ़ घंटे के अंदर-अंदर सूर्यस्नान कर लें | इससे मांसपेशियाँ तंदुरस्त होती हैं, स्नायुओं का दौर्बल्य दूर होता है | सूर्यस्नान का यह प्रसाद मुझे अनुभव होता है | मुझे स्नायुओं में दौर्बल्य नहीं है | स्नायु की दुर्बलता, शरीर में दुर्बलता, थकान व कमजोरी हो तो प्रतिदिन सूर्यस्नान करना चाहिए |

सूर्यस्नान से त्वचा के रोग भी दूर होते हैं, हड्डियाँ मजबूत होती हैं | रक्त में कैल्शियम, फ़ॉस्फोरस व लोहें की मात्राएँ बढती हैं, ग्रंथियों के स्त्रोतों में संतुलन होता है | सूर्यकिरणों से खून का दौरा तेज, नियमित व नियंत्रित चलता है | लाल रक्त कोशिकाएँ जाग्रत होती हैं, रक्त की वृद्धि होती है | गठिया, लकवा और आर्थराइटिस के रोग में भी लाभ होता है | रोगाणुओं का नाश होता है, मस्तिष्क के रोग, आलस्य, प्रमाद, अवसाद, ईर्ष्या-द्वेष आदि शांत होते हैं | मन स्थिर होने में भी सूर्य की किरणों का योगदान है | नियमित सूर्यस्नान से मन पर नियंत्रण, हार्मोन्स पर नियंत्रण और त्वचा व स्नायुओं में क्षमता, सहनशीलता की वृद्धि होती है |

नियमित सूर्यस्नान से दाँतों के रोग दूर होने लगते हैं | विटामिन ‘डी’ की कमी से होनेवाले सूखा रोग, संक्रामक रोग आदि भी सूर्यकिरणों से भगाये जा सकते हैं |

अत: आप भी खाद्य अन्नों को व स्नान के पानी को धूप में रखों तथा सूर्यस्नान का खूब लाभ लो |

दृढ़ संकल्पवान व साधना में उन्नत होने का दिन

उत्तरायण यह देवताओं का ब्राम्हमुहूर्त है तथा लौकिक व अध्यात्म विद्याओं की सिद्धि का काल है | तो मकर संक्रांति के पूर्व की रात्रि में सोते समय भावना करना कि ‘पंचभौतिक शरीर पंचभूतों में, मन, बुद्धि व अहंकार प्रकृति में लीन करके मैं परमात्मा में शांत हो रहा हूँ | और जैसे उत्तरायण के पर्व के दिन भगवान सूर्य दक्षिण से मुख मोडकर उत्तर की तरफ जायेंगे, ऐसे ही हम नीचे के केन्द्रों से मुख मोडकर ध्यान-भजन और समता के सूर्य की तरफ बढ़ेंगे |

ॐ शांति …. ॐ आनंद …. ‘

रात को ‘ॐ सूर्याय नम: |’

इस मंत्र का चिंतन करके सोओगे तो सुबह उठते-उठते सूर्यनारायण का भ्रूमध्य में ध्यान भी सहज में कर पाओगे | उससे बुद्धि का विकास होगा |

मकर संक्रांति

15 जनवरी 2024 सोमवार को (पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक मकर संक्राति है।

मकर संक्रांति के दिन एक मुट्ठी काले तिल को लेकर घर के सभी सदस्यों के सिर से 7 बार वार कर उत्तर दिशा में बिना देखे फेंक दें. ऐसा करने से रोगों से छुटकारा मिलता है साथ ही कर्ज से भी मुक्ति मिलती है.

सूर्य आराधना और अर्घ्यमकर संक्रांति के दिन सूर्य पूजन और अर्घ्य का विशेष महत्व होता है. इससे आपके गृह दोष दूर होते हैं और नौकरी, भोग विलास, रोग, दोष से मुक्ति मिलती है. इसलिए स्नान कर के सूर्य देव को अर्घ्य दें. ध्यान रहे कि अर्घ्य में लाल चंदन, लाल फूल, गुड़ और तिल अवश्य लें. इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं उनकी कृपा दृष्टि आप पर हमेशा बनी रहती है.

नारद पुराण के अनुसार

“मकरस्थे रवौ गङ्गा यत्र कुत्रावगाहिता ।

पुनाति स्नानपानाद्यैर्नयन्तीन्द्रपुरं जगत् ।।”

सूर्य के मकर राशिपर रहते समय जहाँ कहीं भी गंगा में स्नान किया जाय , वह स्नान आदि के द्वारा सम्पूर्ण जगत्‌‍ को पवित्र करती और अन्त में इन्द्रलोक पहुँचाती है।

पद्मपुराण के सृष्टि खंड अनुसार मकर संक्रांति में स्नान करना चाहिए। इससे दस हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। उस समय किया हुआ तर्पण, दान और देवपूजन अक्षय होता है।

गरुड़पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति, चन्द्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर गयातीर्थ में जाकर पिंडदान करना तीनों लोकों में दुर्लभ है।

मकर संक्रांति के दिन लक्ष्मी प्राप्ति व रोग नाश के लिए गोरस (दूध, दही, घी) से भगवान सूर्य, विपत्ति तथा शत्रु नाश के लिए तिल-गुड़ से भगवान शिव, यश-सम्मान एवं ज्ञान, विद्या आदि प्राप्ति के लिए वस्त्र से देवगुरु बृहस्पति की पूजा महापुण्यकाल / पुण्यकाल में करनी चाहिए।

मकर संक्रांति के दिन तिल (सफ़ेद तथा काले दोनों) का प्रयोग तथा तिल का दान विशेष लाभकारी है। विशेषतः तिल तथा गुड़ से बने मीठे पदार्थ जैसे की रेवड़ी, गजक आदि। सुबह नहाने वाले जल में भी तिल मिला लेने चाहिए।

विष्णु पुराण, द्वितीयांशः अध्यायः 8 के अनुसार

कर्कटावस्थिते भानौ दक्षिणायनमुच्यते ।

उत्तरायणम्प्युक्तं मकरस्थे दिवाकरे ।।

सूर्य के ‪‎कर्क‬ राशि में उपस्थित होने पर ‪‎दक्षिणायन‬ कहा जाता है और उसके ‪मकर ‬राशि पर आने से ‪उत्तरायण‬ कहलाता है|

धर्मसिन्धु के अनुसार

तिलतैलेन दीपाश्च देया: शिवगृहे शुभा:।

सतिलैस्तण्डुलैर्देवं पूजयेद्विधिवद् द्विजम्।।

तस्यां कृष्ण तिलै: स्नानं कार्ये चोद्वर्त्नम तिलै:

तिला देवाश्च होतव्या भक्ष्याश्चैवोत्तरायणे

उत्तरायण के दिन तिलों के तेल के दीपक से शिवमंदिर में प्रकाश करना चाहिए , तिलों सहित चावलों से विधिपूर्वक शिव पूजन करना चाहिए. ये भी बताया है की उत्तरायण में तिलों सेठ उबटन, काले तिलों से स्नान, तिलों का दान, होम तथा भक्षण करना चाहिए .

अत्र शंभौ घृताभिषेको महाफलः

वस्त्रदानं महाफलं

मकर संक्रांति के दिन महादेव जी को घृत से अभिषेक (स्नान) कराने से महाफल होता है . गरीबों को वस्त्रदान से महाफल होता है .

अत्र क्षीरेण भास्करं स्नानपयेव्सूर्यलोकप्राप्तिः

इस संक्रांति को दूध से सूर्य को स्नान करावै तो सूर्यलोक की प्राप्ति होती है

“क्षीराद्यैः स्नापयेद्यस्तु रविसंक्रमणे हरिम् ।

स वसेद्विष्णुसदने त्रिसप्तपुरुषैः सह ।।”

जो सूर्यकी संक्रान्तिके दिन दूध आदिसे श्रीहरिको नहलाता है , वह इक्कीस पीढ़ियोंके साथ विष्णुलोक में वास करता है।

🙏जय श्री राम 🙏

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पौष मास

पौष मास

पौष हिन्दू धर्म का दसवाँ महीना है। इस वर्ष 27 दिसम्बर 2023 (उत्तर भारत हिन्दू पंचांग के अनुसार) से पौष का आरम्भ हो गया है। (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अभी मार्गशीर्ष मास है।) पौष मास की पूर्णिमा को अधिकांशतः चंद्र पुष्य नक्षत्र में होते हैं। तैत्तिरीय संहिता में पौष का नाम सहस्य बताया गया है। यह मास दक्षिणायनांत है। पौष मास में अधिकांशतः सूर्य धनु राशि में होते हैं। पौष मास को खर मास बहुत से लोग मानते हैं और इसमें कोई शुभ कार्य नहीं करते विशेषतः जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएँ।

महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार “पौषमासं तु कौन्तेय भक्तेनैकेन यः क्षिपेत्। सुभगो दर्शनीयश्च यशोभागी च जायते।।” जो पौष मास को एक वक्त भोजन करके बिताता है वह सौभाग्यशाली, दर्शनीय और यश का भागी होता है ।

शिवपुराण के अनुसार पौषमास में पूरे महिनेभर जितेन्द्रिय और निराहार रहकर द्विज प्रात:कालसे मध्यांन्ह कालतक वेदमाता गायत्रीका जप करें | तत्पश्चात रातको सोने के समयतक पंचाक्षर आदि मन्त्रों का जप करें | ऐसा करनेवाला ब्राह्मण ज्ञान पाकर शरीर छूटने के बाद मोक्ष प्राप्त कर लेता हैं |

शिवपुराण के अनुसार पौष मास में नमक के दान से षडरस भोजन की प्राप्ति होती है।

पौषमास में शतभिषा नक्षत्र के आने पर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए*

महाभारत अनुशासन पर्व में ब्रह्मा जी कहते हैं

पौषमासस्य शुक्ले वै यदा युज्येत रोहिणी।

तेन नक्षत्रयोगेन आकाशशयनो भवेत्॥

एकवस्त्रः शुचिः स्नातः श्रद्दधानः समाहितः।

सोमस्य रश्मयः पीत्वा महायज्ञफलं लभेत्॥

पौषमास के शुक्ल पक्ष में जिस दिन रोहिणी नक्षत्र का योग हो, उस दिन की रात में मनुष्य स्नान आदि से शुद्ध हो एक वस्त्र धारण करके श्रद्धा और एकाग्रता के साथ खुले मैदान में आकाश के नीचे शयन करे और चन्द्रमा की किरणों का ही पान करता रहे । ऐसा करने से उसको महान यज्ञ का फल मिलता है।

ब्रह्मवैवर्तपुराण, प्रकृतिखण्ड के अनुसार चैत्र, पौष तथा भाद्रपद मास के पवित्र मंगलवार को भगवान विष्णु ने भक्ति पूर्वक तीनों लोकों में लक्ष्मी पूजा का महोत्सव चालू किया। वर्ष के अन्त में पौष की संक्रान्ति के दिन मनु ने अपने प्रांगण में इनकी प्रतिमा का आवाहन करके इनकी पूजा की। तत्पश्चात तीनों लोकों में वह पूजा प्रचलित हो गयी।

शिवपुराण के अनुसार धनु की संक्रांति से युक्त पौषमास में उष:काल में शिव आदि समस्त देवताओं का पूजन क्रमश: समस्त सिद्धियों की प्राप्ति करानेवाला होता हैं | इस पूजन में अगहनी के चावल से तैयार किये गये हविष्य का नैवेद्य उत्तम बताया जाता हैं | पौषमास में नाना प्रकार के अन्नका नैवेद्य विशेष महत्त्व रखता हैं |

वास्तु अनुरुप कहां लगाएं कैलेंडर

img 5374नये साल का कैलेंडर कहा लगाये

वास्तु में पुराने कैलेंडर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। ये प्रगति के अवसरों को कम करता है। इसलिए, पुराने कैलेंडर को हटा देना चाहिए और नए साल में नया कैलेंडर लगाना चाहिए। जिससे नए साल में पुराने साल से भी ज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहे।

अगर सालभर अच्छे योग और फायदे चाहते हैं तो घर में कैलेंडर को वास्तु के अनुसार ही लगाएं।

वास्तु अनुरुप कहां लगाएं कैलेंडर

कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। हिंसक जानवरों, दुःखी चेहरों की तस्वीरोंवाला ना हो। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती है।

पूर्व में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसर- पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं , जो लीडरशिप के देवता हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। लाल या गुलाबी रंग के कागज पर उगते सूरज, भगवान आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर हो।

उत्तर दिशा में कैलेंडर बढ़ाता है सुख-समृद्धि- उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली,फव्वारा, नदी,समुद्र, झरने, विवाह आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व सफेद रंग का उपयोग अधिक किया हो।

पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते हैं रुके हुए कई कार्य- पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए।

कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए घर की दक्षिण दिशा में- घड़ी और कैलेंडर दोनों ही समय के सूचक हैं। दक्षिण ठहराव की दिशा है। यहां समय सूचक वस्तुओं को ना रखें। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

मुख्य दरवाजे से नजर आता कैलेंडर भी नहीं लगाएं- मुख्य दरवाजे के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते हैं । जो कि अच्छा नहीं माना जाता है।

विशेष : अगर कैलेंडर में संतों महापुरुषों तथा भगवान के श्रीचित्र लगे हों,तो ये और अधिक पुण्यदायी और आनंददायी माना जाता है |

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27 नक्षत्र और उनके जन्म फल

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Horoscope Today December 08, 2023 : Aaj ka Rashifal December 08, 2023

Horoscope Today: Astrological prediction for 08 December 2023

वैदिक पंचांग

दिनांक – 08 दिसम्बर 2023

दिन – शुक्रवार

विक्रम संवत – 2080

शक संवत -1945

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – हेमंत ॠतु

मास – मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार कार्तिक)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – एकादशी 09 दिसम्बर सुबह 06:31 तक तकतत्पश्चात द्वादशी

नक्षत्र – हस्त सुबह 08:54 तक तत्पश्चात चित्रा

योग – सौभाग्य रात्रि 12:05 तक तत्पश्चात शोभन

राहुकाल – सुबह 11:09 से दोपहर 12:30 तक

सूर्योदय-07:05

सूर्यास्त- 17:55

दिशाशूल – पश्चिम दिशा में

व्रत पर्व विवरण- उत्पत्ति एकादशी (स्मार्त)

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

दिनांक 8 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है।

आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है।

शुभ दिनांक : 8, 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44

शुभ वर्ष : 2024, 2042

ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता

शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी

कैसा रहेगा यह वर्ष

व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। जो अभी तक बाधित रहे है वे भी सफल होंगे। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा।

मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। दांपत्य जीवन खुशनुमा रहेगा। करियर को लेकर कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। आप सभी का भरोसा जीतने में कामयाब रहेंगे। आप टीमवर्क के जरिए काम करके किसी काम को समय से पहले पूरा करेंगे। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के मार्ग प्रशस्त होंगे। आपके घर किसी अतिथि का आगमन होने से आपका धन खर्च बढ़ सकता है। छोटे बच्चे आपसे किसी खाने पीने की चीज की फरमाइश कर सकते हैं, जिसे आप पूरे अवश्य करेंगे।

वृषभ दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए एक बजट बनाकर चलने के लिए रहेगा। आप अपनी आय-व्यय के लिए बजट बनाकर चले, तभी आप अपने बढ़ते खर्चों को नियंत्रित कर पाएंगे। शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के लिए दिन अच्छा रहने वाला है। आपको कार्यक्षेत्र में अपने किसी काम को दूसरों के भरोसे नहीं छोडना है, नहीं तो कोई गलती हो सकती है। आप संतान की किसी मन की इच्छा की पूर्ति करेंगे, जिससे आप दोनों के बीच जो दूरियां आ गई थी, तो वह भी कम होगी।

मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए तरक्की दिलाने वाला रहेगा। आपको कुछ कामों के लिए योजना बनाकर आगे बढ़ाना बेहतर रहेगा। आपकी कला कौशल में सुधार आएगा। शैक्षणिक गतिविधियों में आप आगे बढ़ेंगे। सहकारिता का भाव आपके मन में बना रहेगा। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। आपके महत्वपूर्ण काम समय से पूरे करने होंगे। चल रही अनबन बातचीत के जरिए दूर होगी। आप अपने कामों पर पूरा ध्यान दें, नहीं तो कोई नहीं समस्या खड़ी हो सकती है।

कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए किसी नए वाहन की खरीदारी के लिए अच्छा रहने वाला है। वरिष्ठ सदस्य यदि आपको कोई सलाह दे,तो आप उस पर अमल अवश्य करें। आपको संतान से किसी किए हुए वादे को पूरा करना होगा, नहीं तो वह आपसे नाराज हो सकती है। जल्दबाजी में आज आप कोई बड़ा निर्णय ना लें। परिजनों से यदि आप कोई मदद मांगेंगे, तो वह भी आपको आसानी से मिल जाएगी। आपका जीवनसाथी से किसी बात को लेकर वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो सकता है।

सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है, जो जातक सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत है, उनकी कुछ जिम्मेदारी बढ़ सकती हैं, लेकिन वह उन्हें खुशी-खुशी निभाएंगे। बंधुत्व की भावना आपके मन में बनी रहेगी। यदि आपको कोई शुभ सूचना सुनने को मिले, तो आप उसे तुरंत आगे ना बढाएं आप अपने घर की साज सज्जा आदि पर भी ध्यान देंगे। विद्यार्थियों का पढ़ाई लिखाई में आ रही समस्याओं के कारण ध्यान भटक सकता है, जिसका असर उनकी परीक्षा पर भी पड़ेगा।

कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहने वाला है। यदि आपकी कोई प्रिय वस्तु खो गई थी, तो वह आपको प्राप्त हो सकती है। आप आज संस्कारों और परंपराओं का पूरा ध्यान रखेंगे। वाणी की मधुरता आपको मान सम्मान दिलवाएगी। ननिहाल पक्ष के लोगों से आप माताजी को मेल मिलाप कराने लेकर जा सकते हैं, लेकिन आज अपने बिजनेस संबंधी कामों को लेकर किसी बैंक, व्यक्ति या संस्था से धन उधार लेना चाहते हैं, तो वह भी आपको आसानी से मिल जाएगा।

तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए प्रसन्नता दिलाने वाला रहेगा। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में आपको अपने जूनियर से किसी काम को लेकर मदद मांगनी पड़ सकती है, जो आपको आसानी से मिल जाएगी, लेकिन आपका कोई मित्र आपके घर दावत पर आ सकता है। परिवार में आपको सामंजस्यता बनाए रखनी होगी। आप उसमें दोनों पक्षों को सुनकर ही कोई निर्णय लें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा।

वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए सूझबूझ से आगे बढ़ाने के लिए रहेगा। आपको अपने परिजनों का पूरा साथ मिलेगा। किसी कानूनी मामले में आपको जीत मिलती दिख रही है। आपकी किसी निकटतम व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आपको किसी डील को बहुत ही सोच विचारकर फाइनल करना होगा। आप माता-पिता से किसी पारिवारिक समस्या को लेकर बातचीत करेंगे। यदि आप किसी नए वाहन की खरीदारी करना चाहते हैं, तो उसमें भी आपको कुछ समय रुकना बेहतर रहेगा।

धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। आपका लंबे समय से रुका हुआ धन आपको प्राप्त हो सकता है। आपको लाभ के अवसरों पर भी पूरा ध्यान देना होगा। आप कार्यक्षेत्र में अपने से ज्यादा औरों के कामों पर ध्यान लगाएंगे, जिसमें आपसे कोई गलती हो सकती है। करियर को लेकर आप कोई बड़ा डिसीजन ले सकते हैं। संतान आपसे किसी वस्तु के फरमाइश कर सकती है। विद्यार्थियों को बौद्धिक और मानसिक बोझ से छुटकारा मिलता दिख रहा है।

मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए मान सम्मान में वृद्धि लेकर आने वाला है। कार्यक्षेत्र में आपको किसी पुरस्कार के मिलने से आपका मन प्रसन्न रहेगा, लेकिन आप कोई ऐसा काम ना करें, जिससे कि परिवार के सदस्यों को समस्या हो। आप अपनी पिछली चली आ रही समस्याओं को लेकर बड़े सदस्यों से बातचीत कर सकते हैं। आपका कोई विरोधी कार्यक्षेत्र में आपको परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है।

कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। परोपकार के कार्य से जुड़कर आप अच्छा नाम कमाएंगे और धार्मिक कार्यों के प्रति आपकी आस्था और विश्वास बढ़ेगा। बिजनेस में आपको अच्छा लाभ मिलेगा। मित्रों के साथ आप किसी मनोरंजन के कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं। आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं, जिसमें आपको बहुत ही सावधानी बरतनी होगी। परिजनों का सहयोग आपको भरपूर मात्रा में मिलेगा।

मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)

आज का दिन कारोबार कर रहे लोगों के लिए मिलाजुला रहने वाला है। आपको अपनी योजना पर पूरा फोकस बनाए रखना होगा,तभी वह भविष्य में आपके लिए लाभकारी साबित होगी। किसी अजनबी से डील करना आपको नुकसान दे सकता है, इसलिए आप बहुत ही सावधानी से लेनदेन करें, नहीं तो बाद में आपको कोई समस्या आ सकती है। नौकरी में कार्यरत लोग किसी की कहासुनी बातों में आकर वाद विवाद में पड़ सकते हैं, इसलिए आप अपनी आंखों देखी पर ही भरोसा करें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा|

🙏जय श्री राम 🙏

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कालभैरव अष्टमी 2023|Kaal Bhairav Ashtami 2023

img 4975कालभैरव अष्टमी जानिए संपूर्ण जानकारी

05 दिसम्बर, मंगलवार को भैरव अष्टमी पर्व है। यह दिन भगवान भैरव और उनके सभी रूपों के समर्पित होता है। भगवान भैरव को भगवान शिव का ही एक रूप माना जाता है,इनकी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है।

भगवान भैरव को कई रूपों में पूजा जाता है। भगवान भैरव के मुख्य 8 रूप माने जाते हैं। उन रूपों की पूजा करने से भगवान अपने सभी भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें अलग-अलग फल प्रदान करते हैं।

भगवान भैरव के 8 रूप जानें कौन-सी मनोकामना के लिए करें किसकी पूजा

1⃣ कपाल भैरव

इस रूप में भगवान का शरीर चमकीला है, उनकी सवारी हाथी है । कपाल भैरव एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में तलवार तीसरे में शस्त्र और चौथे में पात्र पकड़े हैं। भैरव के इन रुप की पूजा अर्चना करने से कानूनी कारवाइयां बंद हो जाती है । अटके हुए कार्य पूरे होते हैं ।

2⃣ क्रोध भैरव

क्रोध भैरव गहरे नीले रंग के शरीर वाले हैं और उनकी तीन आंखें हैं । भगवान के इस रुप का वाहन गरुण हैं और ये दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी माने जाते ह । क्रोध भैरव की पूजा-अर्चना करने से सभी परेशानियों और बुरे वक्त से लड़ने की क्षमता बढ़ती है ।

3⃣ असितांग भैरव

असितांग भैरव ने गले में सफेद कपालों की माला पहन रखी है और हाथ में भी एक कपाल धारण किए हैं । तीन आंखों वाले असितांग भैरव की सवारी हंस है । भगवान भैरव के इस रुप की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य में कलात्मक क्षमताएं बढ़ती है ।

4⃣ चंद भैरव

इस रुप में भगवान की तीन आंखें हैं और सवारी मोर है ।चंद भैरव एक हाथ में तलवार और दूसरे में पात्र, तीसरे में तीर और चौथे हाथ में धनुष लिए हुए है। चंद भैरव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलता हैं और हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की क्षमता आती है ।

5⃣ गुरू भैरव

गुरु भैरव हाथ में कपाल, कुल्हाडी, और तलवार पकड़े हुए है ।यह भगवान का नग्न रुप है और उनकी सवारी बैल है।गुरु भैरव के शरीर पर सांप लिपटा हुआ है।गुरु भैरव की पूजा करने से अच्छी विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है ।

6⃣ संहार भैरव

संहार भैरव नग्न रुप में है, और उनके सिर पर कपाल स्थापित है ।इनकी तीन आंखें हैं और वाहन कुत्ता है । संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं और शरीर पर सांप लिपटा हुआ है ।इसकी पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म हो जाते है ।

7⃣ उन्मत भैरव

उन्मत भैरव शांत स्वभाव का प्रतीक है । इनकी पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सारी नकारात्मकता और बुराइयां खत्म हो जाती है । भैरव के इस रुप का स्वरूप भी शांत और सुखद है । उन्मत भैरव के शरीर का रंग हल्का पीला हैं और उनका वाहन घोड़ा हैं।

8⃣ भीषण भैरव

भीषण भैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है । भीषण भैरव अपने एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे हाथ में तलवार और चौथे में एक पात्र पकड़े हुए है ।भीषण भैरव का वाहन शेर है ।

कालभैरव अष्टमी

धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। इसलिए इस पर्व को कालभैरव जयंती को रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 05 दिसम्बर, मंगलवार को है।

भगवान कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है। तंत्र शास्त्र के अनुसार,किसी भी सिद्धि के लिए भैरव की पूजा अनिवार्य है। इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना अधूरी रहती है। इनके 52 रूप माने जाते हैं। इनकी कृपा प्राप्त करके भक्त निर्भय और सभी कष्टों से मुक्त हो जाते हैं। कालभैरव जयंती पर कुछ आसान उपाय कर आप भगवान कालभैरव को प्रसन्न कर सकते हैं।

ये हैं कालभैरव को प्रसन्न करने के 11 उपाय, कोई भी 1 करें

1. कालभैरव अष्टमी को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने भगवान कालभैरव की तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजा करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा भैरव महाराज से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें।

मंत्र- ‘ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:’

2. कालभैरव अष्टमी पर किसी ऐसे भैरव मंदिर में जाएं, जहां कम ही लोग जाते हों। वहां जाकर सिंदूर व तेल से भैरव प्रतिमा को चोला चढ़ाएं। इसके बाद नारियल, पुए, जलेबी आदि का भोग लगाएं। मन लगाकर पूजा करें। बाद में जलेबी आदि का प्रसाद बांट दें। याद रखिए अपूज्य भैरव की पूजा से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।

3. कालभैरव अष्टमी को भगवान कालभैरव की विधि-विधान से पूजा करें और नीचे लिखे किसी भी एक मंत्र का जाप करें। कम से कम 11 माला जाप अवश्य करें।

ॐ कालभैरवाय नम:।

ॐ भयहरणं च भैरव:।

ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।

ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्

4. कालभैरव अष्टमी की सुबह भगवान कालभैरव की उपासना करें और शाम के समय सरसों के तेल का दीपक लगाकर समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

5. कालभैरव अष्टमी पर 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ ही, एकमुखी रुद्राक्ष भी अर्पण करें। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

6. कालभैरव अष्टमी को एक रोटी लें। इस रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली से तेल में डुबोकर लाइन खींचें। यह रोटी किसी भी दो रंग वाले कुत्ते को खाने को दीजिए। इस क्रम को जारी रखें, लेकिन सिर्फ हफ्ते के तीन दिन (रविवार, बुधवार व गुरुवार)। यही तीन दिन भैरवनाथ के माने गए हैं।

7. अगर आप कर्ज से परेशान हैं तो कालभैरव अष्टमी की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें बिल्व पत्र अर्पित करें। भगवान शिव के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें।

मंत्र- ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नम:

8. कालभैरव अष्टमी के एक दिन पहले उड़द की दाल के पकौड़े सरसों के तेल में बनाएं और रात भर उन्हें ढककर रखें। सुबह जल्दी उठकर सुबह 6 से 7 बजे के बीच बिना किसी से कुछ बोलें घर से निकलें और कुत्तों को खिला दें।

9. सवा किलो जलेबी भगवान भैरवनाथ को चढ़ाएं और बाद में गरीबों को प्रसाद के रूप में बांट दें। पांच नींबू भैरवजी को चढ़ाएं। किसी कोढ़ी, भिखारी को काला कंबल दान करें।

10. कालभैरव अष्टमी पर सरसो के तेल में पापड़, पकौड़े, पुए जैसे पकवान तलें और गरीब बस्ती में जाकर बांट दें। घर के पास स्थित किसी भैरव मंदिर में गुलाब, चंदन और गूगल की खुशबूदार 33 अगरबत्ती जलाएं।

11. सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरवनाथ के मंदिर में कालभैरव अष्टमी पर चढ़ाएं।

12. कालभैरव अष्टमी की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान कालभैरव के मंदिर जाएं और इमरती का भोग लगाएं। बाद में यह इमरती दान कर दें। ऐसा करने से भगवान कालभैरव प्रसन्न होते हैं।

13. कालभैरव अष्टमी को समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।

🙏जय श्री राम 🙏

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Horoscope Today December 04, 2023 : Aaj ka Rashifal December 04, 2023

Horoscope Today: Astrological prediction for 04 December 2023

वैदिक पंचांग

दिनांक – 04 दिसम्बर 2023

दिन – सोमवार

विक्रम संवत – 2080

शक संवत -1945

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – हेमंत ॠतु

मास – मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार कार्तिक)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – सप्तमी रात्रि 09:59 तक तकतत्पश्चात अष्टमी

नक्षत्र – मघा रात्रि 12:05 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी

योग – वैधृति रात्रि 09:48 तक तत्पश्चात विष्कंभ

राहुकाल – रात्रि 08:23 से रात्रि 09:45 तक

सूर्योदय-07:02

सूर्यास्त- 17:55

दिशाशूल – पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई

दिनांक 4 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 4 होगा। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अनेक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है। जैसे तेज स्पीड से आती गाड़ी को अचानक ब्रेक लग जाए ऐसा उनका भाग्य होगा। लेकिन यह भी निश्चित है कि इस अंक वाले अधिकांश लोग कुलदीपक होते हैं।

इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिद्दी, कुशाग्र बुद्धि वाले, साहसी होते हैं। आपका जीवन संघर्षशील होता है। इनमें अभिमान भी होता है। ये लोग दिल के कोमल होते हैं किन्तु बाहर से कठोर दिखाई पड़ते हैं। इनकी नेतृत्त्व क्षमता के लोग कायल होते हैं।

शुभ दिनांक : 4, 8, 13, 22, 26, 31

शुभ अंक : 4, 8,18, 22, 45, 57

शुभ वर्ष : 2031, 2040, 2060

ईष्टदेव : श्री गणेश, श्री हनुमान

शुभ रंग : नीला, काला, भूरा

कैसा रहेगा यह वर्ष

मान-सम्मान में वृद्धि होगी, वहीं मित्र वर्ग का सहयोग मिलेगा। नवीन व्यापार की योजना प्रभावी होने तक गुप्त ही रखें। शत्रु पक्ष पर प्रभावपूर्ण सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा प्रयास करें तो उन्नति के चांस भी है। यह वर्ष पिछले वर्ष के दुष्प्रभावों को दूर करने में सक्षम है। आपको सजग रहकर कार्य करना होगा। परिवारिक मामलों में सहयोग के द्वारा सफलता मिलेगी। विवाह के मामलों में आश्चर्यजनक परिणाम आ सकते हैं।

मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)

आज का दिन नौकरी में कार्यरत लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। आपको कार्यक्षेत्र में लोगों से तालमेल बनाकर चलना बेहतर रहेगा। आप अपने खर्चों का एक बजट बनाकर चले, तो आप आसानी से कर पाएंगे। संतान आपसे किसी वस्तु के फरमाइश कर सकती है, जिसे आप पूरी अवश्य करेंगे। पिताजी से आप बिजनेस संबंधी कुछ योजनाओं को लेकर बातचीत कर सकते हैं। भाई बहनों से यदि किसी बात को लेकर अनबन चल रही थी, तो वह भी दूर होगी। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए दिन अच्छा रहने वाला है, क्योंकि उन्हें कोई बेहतर अवसर हाथ लगेगा।

वृषभ दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए लेनदेन के मामले में सावधानी बरतने के लिए रहेगा। आप अपनी आर्थिक स्थितियों पर पूरा ध्यान दें, तभी वह पूरी हो सकती है। किसी बाहरी व्यक्ति के मामले में हस्तक्षेप ना करें, नहीं तो बाद में आपको पछतावा होगा। संतान को संस्कारों व परंपराओं का पाठ पढ़ाएंगे। पारिवारिक कार्यों पर पूरा ध्यान दें, नहीं तो कोई पुरानी कलह फिर से सिर उठा सकती है, जो आपको परेशान करेगी। विद्यार्थियों की किसी पढ़ाई के साथ-साथ किसी रिसर्च के प्रति भी रुचि जागृत हो सकती हैं। आपको कुछ ठगी लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है। वरिष्ठ सदस्यों का सहयोग आपको भरपूर मात्रा में मिलेगा।

मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहने वाला है। सभी के साथ आदर और सत्कार बनाए रखें और अपने आवश्यक कामों की सूची बनाकर चले, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। आप पुराने रीति रिवाजों को कल पर छोड़ सकते हैं और किसी बाहरी व्यक्ति से सलाह न करें। वाणिज्य विषयों पर आपका पूरा फोकस रहेगा। रोजगार की तलाश में इधर उधर भटक रहे लोगों को कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। आपकी तरक्की के मार्ग में यदि कुछ बाधा आ रही थी, तो वह भी दूर होगी।

कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहने वाला है। रक्त संबन्धी पर आपका पूरा सहयोग रहेगा। आपका यदि कोई वाद विवाद चल रहा था, तो वह भी दूर होगा। आप अपने सोच में सकारात्मकता बनाए रखें, तभी आप लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे। यदि आपकी कोई वस्तु खो गई थी, तो वह आपको प्राप्त हो सकती है। आप माताजी को ननिहाल पक्ष के लोगों से मेल मिलाप कराने लेकर जा सकते हैं। किसी संपत्ति की खरीदारी करते समय उसके चल अचल पहलुओं को स्वाधीनता से जांच लें।

सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए रचनात्मक कार्य से जुड़कर नाम कमाने के लिए रहेगा। आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण बनाए रखना होगा और आपके घर किसी अतिथि का आगमन होने से आप प्रसन्न रहेंगे। आपको संबंधो में वृद्धि होगी। आपका कोई बड़ा लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है। आपके घर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है, जिसमें आपका अच्छा खासा धन खर्च होगा। सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोग अपने कामों को लेकर सजग रहेंगे, तभी उन्हें जाना जाएगा। नौकरी में कार्यरत लोगों के ऊपर अत्यधिक जिम्मेदारियों का बोझ आ सकता हैं, जिन्हें आप पूरा अवश्य करेंगे।

कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए कला कौशल में सुधार लेकर आएगा। किसी कानूनी मामले में आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। निवेश संबंधी मामले आपके बेहतर रहेंगे। दूरसंचार के साधनों में वृद्धि होगी। संतान के करियर को लेकर कोई बड़ा डिसीजन लेना पड़ सकता है। माता-पिता से आप अपने मन की किसी इच्छा को लेकर बातचीत कर सकते हैं। आपके कुछ लंबे समय से रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। माता-पिता को आप किसी तीर्थ स्थान की यात्रा पर लेकर जा सकते हैं।

तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए धन धान्य में वृद्धि लेकर आने वाला है। आपको किसी काम में उसके नीति नियमों पर पूरा ध्यान दें, नहीं तो समस्या हो सकती हैं। परस्पर सहयोग की भावना आपके मन में बनी रहेगी और आपके प्रभाव प्रताप में वृद्धि होगी। नवीन कार्यों से आपको जुड़ने का मौका मिलेगा। आपको वाद विवाद में पड़ने से बचना होगा, नहीं तो समस्या हो सकती है और किसी सरकारी योजना में आपको ध्यान लगाना अच्छा रहेगा। घूमने फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है।

वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)

आज का दिन व्यापार कर रहे लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। आप सबको साथ लेकर चलने की कोशिश में कामयाब रहेंगे और आपको कार्यक्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा धन मिलने से आपकी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहेगा। विद्यार्थियों को भौतिक व मानसिक बोझ से छुटकारा मिलता दिख रहा है। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। आप परिवार में किसी सदस्य के करियर को लेकर कोई बड़ा डिसीजन ले सकते हैं।

धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए तरक्की दिलाने वाला रहेगा। नौकरी में कार्यरत लोगों को किसी दूसरी नौकरी का ऑफर आ सकता है। आपकी सफलता की राह में यदि कुछ समस्याएं आ रही थी, तो वह दूर होगी। उच्च शिक्षा के मार्ग प्रशस्थ होंगे और आपको योग्यता अनुसार काम मिलने से आपकी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहेगा। आप अपने किसी परिजन की बातों में आकर कोई बड़ा निवेश ना करें, नहीं तो बाद में आपको कोई नुकसान होने की पूरी संभावना बनती दिख रही है।

मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए जल्दबाजी में किसी काम को करने से बचने के लिए रहेगा। आपको जीवन शैली में सुधार लाना होगा और आप अपने खान-पान पर नियंत्रण बनाए रखें, नहीं तो समस्या हो सकती है। यदि आपसे कही घर व बाहर यदि कोई वाद विवाद हो, तो आप उसमें चुप लगाएं, नहीं तो वह काम सुलझ सकता है। शारीरिक समस्याओं को आप नजरअंदाज ना करें, नहीं तो वाद विवाद बढ़कर कोई बड़ी समस्या बन सकती है। किसी ने मकान, दुकान, वाहन आदि को खरीदने का सपना पूरा होगा। संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी।

कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहने वाला है। स्थायित्व की भावना को बल मिलेगा। आपके विविध मामले आपके पक्ष में रहेंगे। आवश्यक विषयों में आपको सावधानी बरतनी होगी और आपके किसी सरकारी योजना का आपको पूरा लाभ मिलेगा। पार्टनरशिप में कोई काम करने से आपको नुकसान हो सकता है, इसलिए आपको सावधान रहना होगा। अविवाहित जातकों के लिए उत्तम विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। नौकरी में कार्यरत लोगों को प्रमोशन मिलने से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ सकता है।

मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)

आज के दिन आपके चारों ओर वातावरण खुशनुमा रहने वाला है। कारोबार में आप आगे बढ़ेंगे और आपकी सुख और समृद्धि में वृद्धि होगी। व्यवसाय में आपको किसी को साझेदार बनाने से बचना होगा और आप अपनों का भरोसा आसानी से जीत पाएंगे। आपके मित्रों की संख्या में भी इजाफा होगा। कारोबार कर रहे लोग किसी को धन उधार ना दें, नहीं तो समस्या होगी और राजनीतिक क्षेत्रों में कार्यरत लोग अपने कामों पर पूरा फोकस बनाए रखें, उनके कामों से उन्हें एक नई पहचान मिलेगी

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nakshatras

27 Nakshatras in Astrology: Unveiling Their Qualities, Descriptions, and Associated Zodiacs

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27 nakshatras in astrology

Nakshatras in Astrology

Astrology, a fascinating realm that has intrigued humanity for centuries, delves into celestial bodies’ influence on earthly lives. Among its intricate elements, the 27 Nakshatras stand as celestial markers, each bearing distinct qualities, attributes, and connections to specific zodiac signs. In this detailed exploration, we unravel the mystique surrounding these Nakshatras, offering insights into their unique traits and associations.

Understanding Nakshatras

Nakshatras, also known as lunar mansions, constitute a pivotal aspect of Vedic astrology. These 27 sectors along the ecliptic are delineated by the Moon’s orbit around the Earth. Each Nakshatra spans 13 degrees and 20 minutes within the zodiac, symbolizing distinct cosmic energies that influence an individual’s life and destiny.

Lords associated with 27 Nakshatras

nakshatras
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The lords associated with each Nakshatra in Vedic astrology:

  1. Ashwini Nakshatra: Ketu
  2. Bharani Nakshatra: Venus
  3. Krittika Nakshatra: Sun
  4. Rohini Nakshatra: Moon
  5. Mrigashira Nakshatra: Mars
  6. Ardra Nakshatra: Rahu
  7. Punarvasu Nakshatra: Jupiter
  8. Pushya Nakshatra: Saturn
  9. Ashlesha Nakshatra: Mercury
  10. Magha Nakshatra: Ketu
  11. Purva Phalguni Nakshatra: Venus
  12. Uttara Phalguni Nakshatra: Sun
  13. Hasta Nakshatra: Moon
  14. Chitra Nakshatra: Mars
  15. Swati Nakshatra: Rahu
  16. Vishakha Nakshatra: Jupiter
  17. Anuradha Nakshatra: Saturn
  18. Jyeshtha Nakshatra: Mercury
  19. Mula Nakshatra: Ketu
  20. Purva Ashadha Nakshatra: Venus
  21. Uttara Ashadha Nakshatra: Sun
  22. Shravana Nakshatra: Moon
  23. Dhanishta Nakshatra: Mars
  24. Shatabhisha Nakshatra: Rahu
  25. Purva Bhadrapada Nakshatra: Jupiter
  26. Uttara Bhadrapada Nakshatra: Saturn
  27. Revati Nakshatra: Mercury

These lords associated with each Nakshatra play a significant role in understanding the planetary influences and energies that govern different aspects of life for individuals born under these Nakshatras.

The 27 Nakshatras: An Elaboration

  1. Ashwini Nakshatra: Symbolizing initiative and swiftness, Ashwini Nakshatra is ruled by the twin horsemen of Hindu mythology, the Ashwini Kumaras. It falls under the Aries zodiac, radiating qualities of speed and innovation.
  2. Bharani Nakshatra: Governing creative prowess and fertility, Bharani Nakshatra embodies the power of birth and transformation. Aligned with the Taurus sign, it embodies determination and nurturing attributes.
  3. Krittika Nakshatra: Linked with the Pleiades star cluster, Krittika Nakshatra embodies the fiery essence of the Sun. It pertains to the zodiac sign of Aries, symbolizing courage and leadership.
  4. Rohini Nakshatra: Known for its association with growth and nourishment, Rohini Nakshatra is ruled by the deity Brahma. Taurus governs this Nakshatra, highlighting stability and material abundance.
  5. Mrigashira Nakshatra: Reflecting the essence of the deer, Mrigashira Nakshatra is associated with curiosity and exploration. Falling under Gemini, it signifies adaptability and inquisitiveness.
  6. Ardra Nakshatra: Representing the teardrop of the storm god Rudra, Ardra Nakshatra embodies transformation and purification. It corresponds to Gemini, signifying intellect and transformational change.
  7. Punarvasu Nakshatra: Symbolizing renewal and regeneration, Punarvasu Nakshatra is linked to Jupiter’s benevolence. Falling under the zodiac of Gemini and Cancer, it embodies wisdom and nurturing qualities.
  8. Pushya Nakshatra: Ruled by the deity Brihaspati, Pushya Nakshatra symbolizes nourishment and protection. Falling within Cancer, it signifies abundance and emotional security.
  9. Ashlesha Nakshatra: Portraying the coiling serpent, Ashlesha Nakshatra embodies mystical energy and transformation. Linked with Cancer, it signifies intuition and depth.
  10. Magha Nakshatra: Governed by the Pitris, the ancestors, Magha Nakshatra signifies authority and legacy. Falling within Leo, it symbolizes nobility and leadership.
  11. Purva Phalguni Nakshatra: Reflecting the power of union and love, Purva Phalguni Nakshatra is associated with Venus. It corresponds to Leo, embodying creativity and passion.
  12. Uttara Phalguni Nakshatra: Symbolizing prosperity and productivity, Uttara Phalguni Nakshatra is ruled by Aryaman, the god of contracts. Falling under Virgo, it signifies dedication and service.
  13. Hasta Nakshatra: Representing skillful craftsmanship, Hasta Nakshatra embodies dexterity and precision. Aligned with Virgo, it signifies meticulousness and analytical abilities.
  14. Chitra Nakshatra: Governed by Vishwakarma, the celestial architect, Chitra Nakshatra symbolizes creativity and artistic expression. Falling within Virgo and Libra, it embodies innovation and beauty.
  15. Swati Nakshatra: Reflecting the essence of independence and freedom, Swati Nakshatra is associated with Rahu. Corresponding to Libra, it signifies balance and adaptability.
  16. Vishakha Nakshatra: Symbolizing determination and achievement, Vishakha Nakshatra is ruled by Indra and Agni. Falling within Libra and Scorpio, it embodies ambition and success.
  17. Anuradha Nakshatra: Portraying devotion and loyalty, Anuradha Nakshatra is governed by Mitra, the friend. Corresponding to Scorpio, it signifies determination and resilience.
  18. Jyeshtha Nakshatra: Signifying wisdom and authority, Jyeshtha Nakshatra is associated with Indra, the chief of gods. Falling under Scorpio, it embodies leadership and power.
  19. Mula Nakshatra: Symbolizing the root or foundation, Mula Nakshatra is governed by Nirriti, the goddess of destruction. Corresponding to Sagittarius, it signifies transformation and regeneration.
  20. Purva Ashadha Nakshatra: Reflecting the essence of invigoration and strength, Purva Ashadha Nakshatra is ruled by Apah, the water deity. Falling within Sagittarius, it embodies determination and expansion.
  21. Uttara Ashadha Nakshatra: Symbolizing victory and perseverance, Uttara Ashadha Nakshatra is associated with the ten Vishvadevas. Corresponding to Sagittarius and Capricorn, it signifies resilience and achievement.
  22. Shravana Nakshatra: Governed by Vishnu, the preserver, Shravana Nakshatra embodies attentive listening and learning. Falling under Capricorn, it signifies wisdom and knowledge.
  23. Dhanishta Nakshatra: Reflecting the essence of wealth and abundance, Dhanishta Nakshatra is ruled by Vasus, the gods of abundance. Corresponding to Capricorn and Aquarius, it signifies success and prosperity.
  24. Shatabhisha Nakshatra: Signifying healing and rejuvenation, Shatabhisha Nakshatra is associated with Varuna, the rain god. Falling within Aquarius, it embodies innovation and renewal.
  25. Purva Bhadrapada Nakshatra: Representing the front legs of a funeral cot, Purva Bhadrapada Nakshatra signifies spirituality and liberation. Governed by Aja Ekapada, it corresponds to Aquarius and Pisces, embodying mystical qualities.
  26. Uttara Bhadrapada Nakshatra: Symbolizing the latter legs of a funeral cot, Uttara Bhadrapada Nakshatra signifies transformation and spiritual growth. Ruled by Ahir Budhnya, it corresponds to Pisces and embodies sacrifice and transcendence.
  27. Revati Nakshatra: Portraying the essence of prosperity and nourishment, Revati Nakshatra is ruled by Pushan, the nourisher. Falling within Pisces, it signifies abundance and compassion.

The zodiac associated with these 27 nakshatras

Each Nakshatra in Vedic astrology is associated with specific zodiac signs. Here are the zodiac signs linked with the 27 Nakshatras:

  1. Ashwini Nakshatra: Aries
  2. Bharani Nakshatra: Aries
  3. Krittika Nakshatra: Aries, Taurus
  4. Rohini Nakshatra: Taurus
  5. Mrigashira Nakshatra: Taurus, Gemini
  6. Ardra Nakshatra: Gemini
  7. Punarvasu Nakshatra: Gemini, Cancer
  8. Pushya Nakshatra: Cancer
  9. Ashlesha Nakshatra: Cancer
  10. Magha Nakshatra: Leo
  11. Purva Phalguni Nakshatra: Leo
  12. Uttara Phalguni Nakshatra: Leo, Virgo
  13. Hasta Nakshatra: Virgo
  14. Chitra Nakshatra: Virgo, Libra
  15. Swati Nakshatra: Libra
  16. Vishakha Nakshatra: Libra, Scorpio
  17. Anuradha Nakshatra: Scorpio
  18. Jyeshtha Nakshatra: Scorpio
  19. Mula Nakshatra: Sagittarius
  20. Purva Ashadha Nakshatra: Sagittarius
  21. Uttara Ashadha Nakshatra: Sagittarius, Capricorn
  22. Shravana Nakshatra: Capricorn
  23. Dhanishta Nakshatra: Capricorn, Aquarius
  24. Shatabhisha Nakshatra: Aquarius
  25. Purva Bhadrapada Nakshatra: Aquarius, Pisces
  26. Uttara Bhadrapada Nakshatra: Pisces
  27. Revati Nakshatra: Pisces

These associations between the Nakshatras and zodiac signs are integral in understanding the influences and energies they bring into an individual’s life based on their birth chart.

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nakshatras in astrology

Specific Mantras of 27 Nakshatras

The 27 Nakshatras in Vedic astrology are associated with specific mantras that align with their energies and qualities. Here are the mantras corresponding to each Nakshatra:

  1. Ashwini Nakshatra: “Om Ashwini Devaya Namaha”
  2. Bharani Nakshatra: “Om Bharani Namaha”
  3. Krittika Nakshatra: “Om Krittikasvaya Namaha”
  4. Rohini Nakshatra: “Om Rohini Namaha”
  5. Mrigashira Nakshatra: “Om Mrigashiraya Namaha”
  6. Ardra Nakshatra: “Om Ardhaya Namaha”
  7. Punarvasu Nakshatra: “Om Punarvasavaya Namaha”
  8. Pushya Nakshatra: “Om Pushyam Bhagaya Namaha”
  9. Ashlesha Nakshatra: “Om Ashlesha Namaha”
  10. Magha Nakshatra: “Om Maghaya Namaha”
  11. Purva Phalguni Nakshatra: “Om Purvaphalgunaye Namaha”
  12. Uttara Phalguni Nakshatra: “Om Uttaraphalgunaye Namaha”
  13. Hasta Nakshatra: “Om Hastaya Namaha”
  14. Chitra Nakshatra: “Om Chitraya Namaha”
  15. Swati Nakshatra: “Om Swataye Namaha”
  16. Vishakha Nakshatra: “Om Vishakaya Namaha”
  17. Anuradha Nakshatra: “Om Anuradha Namaha”
  18. Jyeshtha Nakshatra: “Om Jyeshthaya Namaha”
  19. Mula Nakshatra: “Om Mula Namaha”
  20. Purva Ashadha Nakshatra: “Om Purvashadha Namaha”
  21. Uttara Ashadha Nakshatra: “Om Uttarashadha Namaha”
  22. Shravana Nakshatra: “Om Shravanaya Namaha”
  23. Dhanishta Nakshatra: “Om Dhanishtaya Namaha”
  24. Shatabhisha Nakshatra: “Om Shatabhishak Namaha”
  25. Purva Bhadrapada Nakshatra: “Om Purvabhadraya Namaha”
  26. Uttara Bhadrapada Nakshatra: “Om Uttarabhadraya Namaha”
  27. Revati Nakshatra: “Om Revati Namaha”

These mantras are chanted or recited to resonate with the specific energies of each Nakshatra, invoking their blessings and influences in one’s life.

Remedies of ill or harmful Nakshatras in Kundli

In Vedic astrology, if certain Nakshatras are not favorable in an individual’s birth chart, there are specific remedies and practices recommended to mitigate their adverse effects. Here are remedies associated with each Nakshatra if they are not favorable in one’s chart:

  1. Ashwini Nakshatra: Worship Lord Ashwini Kumaras or participate in charitable activities related to horses.
  2. Bharani Nakshatra: Recite Vishnu Sahasranama or perform rituals dedicated to Lord Yama.
  3. Krittika Nakshatra: Offer prayers to Agni, the fire god, and perform homam or fire rituals.
  4. Rohini Nakshatra: Donate white-colored items or participate in acts of charity for cows.
  5. Mrigashira Nakshatra: Chant the Mrigashira Nakshatra mantra and participate in acts of environmental conservation.
  6. Ardra Nakshatra: Worship Lord Shiva and offer prayers at Shiva temples.
  7. Punarvasu Nakshatra: Recite the Gayatri Mantra and perform acts of charity.
  8. Pushya Nakshatra: Offer prayers to Lord Jupiter and participate in acts of kindness and generosity.
  9. Ashlesha Nakshatra: Perform rituals for Nag Devatas (serpent deities) and donate to snake shelters or temples.
  10. Magha Nakshatra: Worship ancestors and perform rituals for ancestral blessings.
  11. Purva Phalguni Nakshatra: Participate in acts of charity and perform rituals for Goddess Lakshmi.
  12. Uttara Phalguni Nakshatra: Worship the Sun god and participate in acts of community service.
  13. Hasta Nakshatra: Chant the Hasta Nakshatra mantra and offer prayers to Lord Vishnu.
  14. Chitra Nakshatra: Perform rituals for Kubera, the god of wealth, and participate in creative activities.
  15. Swati Nakshatra: Worship Lord Rahu and perform prayers for harmony and balance.
  16. Vishakha Nakshatra: Offer prayers to Lord Indra and participate in rituals for career success.
  17. Anuradha Nakshatra: Worship Mitra, the god of friendship, and perform acts of reconciliation and kindness.
  18. Jyeshtha Nakshatra: Perform rituals for Lord Vishnu and seek blessings for overcoming challenges.
  19. Mula Nakshatra: Offer prayers to Lord Kali or perform rituals for protection and transformation.
  20. Purva Ashadha Nakshatra: Worship Lord Varuna and participate in rituals for success and growth.
  21. Uttara Ashadha Nakshatra: Offer prayers to Lord Vishvadevas and participate in acts of perseverance.
  22. Shravana Nakshatra: Chant the Shravana Nakshatra mantra and offer prayers to Goddess Saraswati for wisdom.
  23. Dhanishta Nakshatra: Perform rituals for Lord Shiva and participate in acts of charity for the elderly.
  24. Shatabhisha Nakshatra: Worship Lord Varuna and participate in rituals for healing and rejuvenation.
  25. Purva Bhadrapada Nakshatra: Offer prayers to Lord Shiva and participate in rituals for spiritual growth.
  26. Uttara Bhadrapada Nakshatra: Worship Lord Ahir Budhnya and participate in acts of selflessness and sacrifice.
  27. Revati Nakshatra: Offer prayers to Lord Pushan and participate in acts of compassion and charity.

These remedies are suggested to alleviate any negative influences or challenges associated with the Nakshatras in one’s birth chart, aiming to bring balance and harmony in life.

Conclusion

The 27 Nakshatras intricately weave into the tapestry of astrology, each bearing its unique characteristics and influencing life’s diverse aspects. Understanding.

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अग्नि पुराण का महत्व :

अग्नि पुराण साहित्य में अपनी व्यापक दृष्टि तथा विशाल ज्ञान भंडार के कारण विशिष्ट स्थान रखता है। अनेक विद्वानों ने विषयवस्तु के आधार पर इसे भारतीय संस्कृति का विश्वकोश कहा है। अग्निपुराण में त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव तथा सूर्य की पूजा-उपासना का वर्णन किया गया है। इसमें परा-अपरा विद्याओं का वर्णन, महाभारत के सभी पर्वों की संक्षिप्त कथा, रामायण की संक्षिप्त कथा, मत्स्य, कूर्म आदि अवतारों की कथाएं, सृष्टि वर्णन, दीक्षा विधि, वास्तु पूजा, विभिन्न देवताओं के मंत्र आदि अनेक उपयोगी विषयों का अत्यंत सुंदर प्रतिपादन किया गया है। इस पुराण के वक्ता भगवान अग्निदेव हैं, अतः यह अग्निपुराण कहलाता है। अत्यंत लघु आकार होने पर भी इस पुराण में सभी विद्याओं का समावेश किया गया है। इस दृष्टि से अन्य पुराणों की अपेक्षा यह और भी विशिष्ट तथा महत्त्वपूर्ण हो जाता है। पद्म पुराण में भगवान विष्णु के पुराणमय स्वरूप का वर्णन किया गया है और अठारह पुराण भगवान के 18 अंग कहे गए हैं। उसी पुराणमय वर्णन के अनुसार अग्नि पुराण को भगवान विष्णु का बायां चरण कहा गया है।

कथा एवं विस्तार- आधुनिक उपलब्ध अग्नि पुराण के कई संस्करणों में 11,475 श्लोक है एवं 383 अध्याय हैं, परंतु नारद पुराण के अनुसार इसमें 15 हजार श्लोकों तथा मत्स्य पुराण के अनुसार 16 हजार श्लोकों का संग्रह बतलाया गया है। यह अग्निदेव के स्वयं के श्रीमुख से वर्णित है इसलिए यह प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण अग्निदेव ने महर्षि वशिष्ठ को सुनाया था। यह पुराण दो भागों में हैं पहले भाग में पुराण ब्रह्म विद्या का सार है। इसके आरंभ में भगवान विष्णु के दशावतारों का वर्णन है। इस पुराण में 11 रुद्रों, 8 वसुओं तथा 12 आदित्यों के बारे में बताया गया है। विष्णु तथा शिव की पूजा के विधान, सूर्य की पूजा का विधान, नृसिंह मंत्र आदि की जानकारी भी इस पुराण में दी गई है। इसमें भूगोल, ज्योतिष शास्त्र तथा वैद्यक के विवरण के बाद राजनीति का भी विस्तृत वर्णन किया गया है जिसमें अभिषेक, साहाय्य, संपत्ति, सेवक, दुर्ग, राजधर्म आदि आवश्यक विषय निर्णीत है। इस पुराण के अंतिम भाग में आयुर्वेद का विशिष्ट वर्णन अनेक अध्यायों में मिलता है, इसके अतिरिक्त छंदः शास्त्र, अलंकार शास्त्र, व्याकरण तथा कोश विषयक विवरण भी दिए गए हैं। पुराण साहित्य में अग्नि पुराण अपनी व्यापक दृष्टि तथा विशाल ज्ञान भंडार के कारण विशिष्ट स्थान रखता है। साधारण रीति से पुराण को ‘पंचलक्षण’ कहते हैं, क्योंकि इसमें सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वंतर तथा वंशानुचरित का वर्णन अवश्यमेव रहता है, चाहे परिमाण में थोड़ा न्यून ही क्यों न हो। परंतु अग्नि पुराण इसका अपवाद है। यह पुराण दो भागों में हैं पहले भाग में ब्रह्म विद्या का सार है। इसको सुनने से देवगण ही नहीं समस्त प्राणी जगत सुख प्राप्त करता है। विष्णु भगवान के अवतारों का वर्णन है। वेग के हाथ के मंथन से उत्पन्न पृथु का आख्यान है। दिव्य शक्तिमयी मरिषा की कथा है। कश्यप ने अपनी अनेक पत्नियों द्वारा परिवार विस्तार किया उसका वर्णन भी किया गया है। भगवान अग्निदेव ने देवालय निर्माण के फल के विषय में आख्यान दिए हैं और चौसठ योगनियों का सविस्तार वर्णन भी है। शिव पूजा का विधान भी बताया गया है। इसमें काल गणना के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला गया है। साथ ही इसमें गणित के महत्त्व के साथ विशिष्ट राहु का वर्णन भी है। प्रतिपदा व्रत, शिखिव्रत आदि व्रतों के महत्त्व को भी दर्शाया गया है। साथ ही धीर नामक ब्राह्मण की एक कथा भी है। दशमी व्रत, एकादशी व्रत आदि के महत्त्व को भी बताया गया है।

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