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Matsya Jayanti 2023: मत्स्य जयंती कब है? जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व और भागवत पुराण में उल्लखित मत्स्य स्त्रोत का विवरण

Matsya Jayanti 2023: मत्स्य जयंती कब है? जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व

Matasya Jayanti and Ketu Ke Upay

Matasya Jayanti Timings and Muhurat:-

Matasya Jayanti is on 24/03/2023 Friday and the best timings for Puja is 1:41 PM to 4:08 PM.

Matsya Jayanti, also known as Matsya Avatar Jayanti, is an auspicious occasion celebrated by Hindus every year in honor of Lord Vishnu’s first incarnation as a fish. According to Hindu mythology, Matsya Avatar is considered the first avatar of Lord Vishnu, and it is believed that he appeared on earth to save the world from a great flood.

Origin and Basis of Matsya Jayanti:

As per the Hindu scriptures, there was a king named Satyavrata, also known as Manu, who was a pious and virtuous ruler. Once, while performing his daily rituals, he found a tiny fish in the river, and he decided to take care of it. As the fish grew bigger, it requested Manu to keep it in a bigger container. The fish kept growing, and Manu had to keep shifting it to bigger and bigger containers until he had to release it into the ocean.

Later, Lord Vishnu appeared before Manu in the form of Matsya Avatar and warned him of a great flood that was going to destroy the entire world. Lord Vishnu instructed Manu to build a boat and save himself along with the seven sages and all the animals from the flood. Manu followed Lord Vishnu’s instructions and built the boat, and when the flood came, Lord Vishnu appeared as Matsya Avatar and guided the boat to safety.

The festival of Matsya Jayanti is celebrated to honor the sacrifice made by Lord Vishnu in the form of Matsya Avatar to save the world from destruction.

Puja Vidhi and Mantra for Matsya Jayanti:

Matsya Jayanti is celebrated on the third day of the Shukla Paksha in the Hindu month of Chaitra. The puja vidhi for Matsya Jayanti is as follows:

1. Clean the puja room and place a picture or idol of Lord Vishnu in the form of Matsya Avatar.

2.Light a diya (oil lamp) and incense sticks in front of the idol.

3. Offer flowers, fruits, and sweets to the deity.

4. Recite the following mantra to seek the blessings of Lord Vishnu:

  • Om Namo Bhagavate Vasudevaya Namah (ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः) This mantra is believed to invoke Lord Vishnu’s blessings and protect the devotee from all evils.

5. Offer special bhog (food) to Lord Vishnu, which includes fruits, sweets, and rice.

6. After the puja, distribute the prasad among family members and friends.

In conclusion, Matsya Jayanti is a significant festival that celebrates the first incarnation of Lord Vishnu as Matsya Avatar. It reminds us of the importance of righteousness, devotion, and selflessness, which can help us overcome any obstacle in life. By performing the puja vidhi and chanting the mantra with devotion, one can seek the blessings of Lord Vishnu and lead a prosperous and peaceful life.

Matsya Stotra is a powerful hymn dedicated to Lord Vishnu in the form of Matsya Avatar, and it is believed that chanting this Stotra can bring blessings and protection from various negative influences, including Ketu.

Ketu is one of the nine planets or Navgrahas in Vedic astrology, and it is associated with spiritual enlightenment, detachment, and liberation. However, when placed unfavorably in the horoscope, Ketu can cause various problems such as mental unrest, anxiety, physical illnesses, financial losses, and obstacles in life.

Here are some remedies or upayas using Matsya Stotra that can help in mitigating the malefic effects of Ketu:

1. Chanting Matsya Stotra daily with devotion and focus can help in reducing the negative impact of Ketu in the horoscope. The Stotra should be chanted at a fixed time and place, preferably during Brahma Muhurta.

2. Fasting on Saturdays and offering prayers to Lord Vishnu in the form of Matsya Avatar can help in appeasing Ketu and reducing its malefic effects.

3. Wearing a Kavach or talisman containing the Matsya Yantra or symbol can help in protecting against the negative influences of Ketu. The Yantra should be energized by reciting the Matsya Stotra and performing a Puja.

4. Offering donations or charity to the needy and poor on Tuesdays or Saturdays can help in reducing the malefic effects of Ketu. The donations should be made with a pure and selfless heart, without any expectations of returns.

5. Performing a Puja or Havan for Lord Vishnu in the form of Matsya Avatar can help in seeking his blessings and protection against the malefic effects of Ketu. The Puja should include the recitation of the Matsya Stotra, offering of flowers, fruits, and sweets, and lighting of incense and oil lamps.

In conclusion, Matsya Stotra is a powerful hymn that can help in mitigating the negative impact of Ketu and other planetary influences. By chanting the Stotra with devotion and performing the recommended remedies or upayas, one can seek the blessings of Lord Vishnu in his Matsya Avatar and overcome the obstacles in life.

मत्स्य स्त्रोत :

मत्स्य स्तोत्र भगवत पुराण, स्कंध 8, अध्याय 24 में उल्लेखित है। इस अध्याय में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार का वर्णन है, और मत्स्य स्तोत्र भगवान ब्रह्मा द्वारा भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और कर्मों की प्रशंसा में उत्तरदायी है।

इस अध्याय में मत्स्य स्तोत्र को सबसे विश्वसनीय संस्करणों में से एक माना जाता है क्योंकि यह प्राचीन शास्त्र भगवत पुराण में उल्लेखित है। मत्स्य स्तोत्र इस अध्याय में एक सुंदर स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों और प्रतिनिधित्वों का वर्णन करता है और उनके दिव्य गुणों, जैसे कि उनकी दया, करुणा और ज्ञान की प्रशंसा करता है।

मत्स्य स्तोत्र का पाठ शक्तिशाली साधन माना जाता है जो भक्तों को परमात्मा भगवान विष्णु के दिव्य ऊर्जा से जोड़ने और उनकी आशीर्वाद के लिए उनसे प्रार्थना करने में मदद कर सकता है।

मत्स्य स्त्रोत :यह स्त्रोत भगवत पुराण, स्कंध 8, अध्याय 24 में उल्लिखित मत्स्य स्तोत्र है।

ओं नमो भगवते वासुदेवाय।

वेदात्मा सूक्ष्मशरीरः सर्वभूताधिवासकः।

विष्णुरूपो महाविष्णो ज्ञानमात्रं विनिर्मितम्॥

जय श्री मत्स्य रूपाय विष्णवे पुरुषोत्तम।

स्वयं वेदात्मने तुभ्यं नमस्ते कृपणार्तिहन्॥

ज्ञानशक्ति सुखं दत्तं संसारोत्थापकं शिवम्।

वेदवेद्यमिदं स्तोत्रं मत्स्यं वन्दे जगद्गुरुम्॥

स्वयं ज्ञानमयः सर्वः स्वयं वेदोऽखिलोद्भवः।

स्वयं यज्ञः स्वयं हुतं स्वयं जातो महीतले॥

स्वयं योगो निजरूपो ज्ञानसंधानवर्धनः।

स्वयं धर्मोऽधर्मनश्च स्वयं धार्मिकसंस्कृतिः॥

स्वयं च तीर्थं स्वयं यात्रा स्वयं दानं तथैव च।

स्वयं वर्षसहस्राणि विष्णुलोके महीयते॥

स्वयं पुण्यं स्वयं पापं स्वयं मोक्षो न विद्यते।

स्वयं बन्धुर्जगत्कर्ता धर्मस्थापनकारकः॥

इति मत्स्य स्तोत्रं समाप्तम

इस मत्स्य स्तोत्र के जप से मानव जीवन में समस्याओं का निवारण होता है। इसके अलावा, जप करने से अधिकार, धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। यह उपासना करने से संतान की प्राप्ति में भी मदद मिलती है।

इस मत्स्य स्तोत्र को प्रतिदिन एक माला के साथ १०८ बार जपा जाना चाहिए। इसे सुबह और शाम के समय जप करना अधिक लाभकारी होता है। इस स्तोत्र का जप करते समय मन में शुद्धता, ध्यान और आस्था रखना चाहिए।

इस उपाय के अलावा, केतु दोष दूर करने के लिए व्यक्ति को केतु ग्रह की पूजा भी करनी चाहिए। इसके लिए केतु ग्रह को अर्घ्य देने के बाद इसकी मूर्ति के समक्ष बैठकर केतु ग्रह के मंत्रों का जप करना चाहिए। यह उपाय केतु दोष से मुक्ति दिलाता है।

ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः॥

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भविष्यपुराण और पाप

कौन से वो पाँच पाप जिन्हें भविष्यपुराण के हिसाब से महापाप की संज्ञा दी गई है

भविष्य पुराण

Bhavishya Puran
Bhavishya Puran

भविष्य पुराण में माना गया है कि हर इंसान को उसके शरीर, मन व बातों से किए गए पापों को भोगना पड़ता है। उसमें भी कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें महापाप माना गया है। आइए जानते हैं पांच ऐसे ही महापापों के बारे में जिन्हें करने वालों को नरक में सबसे ज्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती है।

ये हैं 5 सबसे बड़े पाप, इन्हें करने वालें को नर्क में मिलती है सबसे ज्यादा सजा

1. अनीति का धन

अनीति से कमाया गया धन
अनीति से कमाया गया धन

किसी को ठग कर गलत काम कर या किसी के हिस्से की वस्तु को चुराकर धन एकत्रित करना और धन का दान न करने वाले को भी भविष्यपुराण में महापापी माना गया है।

2. गुरु से धोखाधड़ी

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गुरु से धोखाधड़ी

*गुरु मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान देते है। गुरु को पिता के समान मानना चाहिए। गुरु के साथ कभी भी कंपट एवं धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। ऐसे इंसान को उसके पापों की सजा मिलती है।

3. पशुओं पर अत्याचार

Animal cruelty should be stopped, पशुओं पर अत्याचार महापाप है
पशुओं पर अत्याचार , animal cruelty

पशुओं पर अत्याचार करना, ब्राह्मण की हत्या या उसका अपमान करना, नौकरों से बुरा व्यवहार करने वाले मनुष्य को भी कुंभीपाक नाम के नर्क की यातना सहनी पड़ती है। इसलिए भुलकर भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।

4. शराब पीना

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शराब पीना , अल्कोहल, alcohol consumption

शराब में तीन प्रकार के पाप बताएँ गए है।स्त्री हो या पुरुष सभी को शराब व अन्य मादक पदार्थों से दुर रहना चाहिए।किसी भी तरह की शराब पीने से मनुष्य महापाप का भागी बन जाता है।

5. चोरी करना

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चोरी करना महापाप है

जो मनुष्य दुसरों की वस्तु हड़पने या चुराने की कोशिश करता है, वह पापी माना गया है। चोरी करने वाले इंसान या ऐसे काम में साथ देने वाले को नर्क में दुःख भोगने पड़ते है।इसलिए मनुष्य को कभी भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।

astrology horoscope
Analyst Astro
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Astrology Remedies||Stone’s Substitute||रत्न नहीं तो पेड़ों की जड़ करें धारण

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Astrological Remedies||substitute of Stones

ज्योतिष विद्या को भी एक विज्ञान ही माना जाता हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति का भाग्योदय नहीं हो पाता है। अशुभ फल देने वाले ग्रहों को अपने पक्ष में करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं।
ग्रहों से शुभ फल प्राप्त करने के लिए संबंधित ग्रह का रत्न पहनना एक उपाय है। असली रत्न काफी मूल्यवान होते हैं जो कि आम लोगों की पहुंच से दूर होते हैं।

इसी वजह से कई लोग रत्न पहनना तो चाहते हैं, लेकिन धन अभाव में इन्हें धारण नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष के अनुसार रत्नों से प्राप्त होने वाला शुभ प्रभाव अलग-अलग ग्रहों से संबंधित पेड़ों की जड़ों को धारण करने से भी प्राप्त किया जा सकता है।


सूर्य ग्रह के लिए

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Planet Sun

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो सूर्य के लिए माणिक रत्न बताया गया है। माणिक के विकल्प के रूप में बेलपत्र की जड़ लाल या गुलाबी धागे में रविवार को धारण करना चाहिए। इससे सूर्य से शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

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Bel Root

चंद्र ग्रह के लिए

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चंद्र से शुभ फल प्राप्त करने के लिए सोमवार को सफेद वस्त्र में खिरनी की जड़ सफेद धागे के साथ धारण करें।

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Khirni Root

मंगल ग्रह के लिए

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Mangal Gruh Mars

मंगल के लिए अनंतमूल की जड़ धारण करे

मंगल ग्रह को शुभ बनाने के लिए अनंत मूल या खेर की जड़ को लाल वस्त्र के साथ लाल धागे में डालकर मंगलवार को धारण करें।

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बुध ग्रह के लिए

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बुध के लिए विधारा की जड़ धारण करे

बुधवार के दिन हरे वस्त्र के साथ विधारा (आंधी झाड़ा) की जड़ को हरे धागे में पहनने से बुध के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।

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Vidhara Root


गुरु ग्रह के लिए

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गुरु के लिए केले की जड़ धारण करे

गुरु ग्रह अशुभ हो तो केले की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर पीले धागे में गुरुवार को धारण करें।

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शुक्र ग्रह के लिए

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शुक्र के लिए गुलर की जड़ धारण करे

गुलर की जड़ को सफेद वस्त्र में लपेट कर शुक्रवार को सफेद धागे के साथ गले में धारण करने से शुक्र ग्रह से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

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Gular Root

शनि ग्रह के लिए

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Shani Dev Planet Saturn

शनि के लिए शमी की जड़ धारण करे

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शमी पेड़ की जड़ को शनिवार के दिन नीले कपड़े में बांधकर नीले धागे में धारण करना चाहिए।

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Shami Root

राहु ग्रह के लिए

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Rahu Dev

राहू के लिए सफ़ेद चन्दन का टुकड़ा धारण करे

कुंडली में यदि राहु अशुभ स्थिति में हो तो राहु को शुभ बनाने के लिए सफेद चंदन का टुकड़ा नीले धागे में बुधवार के दिन धारण करना चाहिए।

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White Sandal

केतु ग्रह के लिए

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केतु के लिए अश्वगंधा की जड़ का टुकड़ा धारण करे

केतु से शुभ फल पाने के लिए अश्वगंधा की जड़ नीले धागे में गुरुवार के दिन धारण करें।

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Ashwagandha Root

Jai Sri Ram

🙏जय श्री राम 🙏

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राशि के कारक तत्व जाने आसान भाषा में इसको देखने के बाद कभी नहीं भूलेंगे रशियो के व्यवहार और तत्व:-

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Stones according to Planets, Scientific approach behind that.

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Stones according to Planets:-

As all of you know that every planet has its own color and accordingly it absorb that color from sun light to boost itself, hence the scientific approach behind that might be understood by you.

For example Red coral represents Mars and by wearing it near to body it absorb that colour from light and give power to that planet in your body and accordingly the respective planets boost in anyone’s life and chart.

Stones according to planets are given as under:-

  1. Ruby: associated with the Sun. It is believed to promote vitality, courage, and leadership qualities.
  2. Pearl: associated with the Moon. It is believed to promote emotional balance, intuition, and creativity.
  3. Red Coral: associated with Mars. It is believed to promote courage, strength, and confidence.
  4. Emerald: associated with Mercury. It is believed to promote communication skills, mental clarity, and intelligence.
  5. Yellow Sapphire: associated with Jupiter. It is believed to promote wisdom, prosperity, and good fortune.
  6. Diamond: associated with Venus. It is believed to promote love, beauty, and harmony.
  7. Blue Sapphire: associated with Saturn. It is believed to promote discipline, self-control, and spiritual growth.
  8. Hessonite: associated with Rahu (North Node of the Moon). It is believed to promote success, fame, and power.
  9. Cat’s Eye: associated with Ketu (South Node of the Moon). It is believed to promote intuition, spiritual growth, and enlightenment.

It is important to note that the effectiveness of gemstones and their associations with planets is subject to personal belief and interpretation.

Hope you might be understood, for more details logon to Home – Analyst Astro-The Karma Aligner .

Jai Sri Ram

राहू के ऊपाय Rahu Ke Upay Remedies of Rahu

Rahu Ke Upay

Remedies of Rahu

राहु के उपाय

अगर आप भी हैं राहु से परेशान तो करेंगे उपाय आप राहु के बीज मंत्रों का जाप करें ओम रामरहवें नमः इसके अलावा आप शनिवार के दिन काली चीजों का दान करें जैसे की काले कंबल काली उड़द की डाल गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं परंतु किसी ज्योतिषी सलाह के बाद ही पहने और ये निश्चित उपाय करे जिसमे की आप एक नारियल लें उसमें एक नीला धागा बांध लें और उसको अपने माथे से लगा लें और सात बार एंटी क्लाकवाइज घुमाकर किसी बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें इस तरीके से आप राहु के बुरे प्रभाव को अपने जीवन से हटा देंगे

राहु के प्रभावी उपाय

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If you are also troubled by Rahu, then you will do the remedy. Chant Rahu’s seed mantras Om Ramrahve Namah. Apart from this, you can donate black things on Saturdays like black blanket, black urad branch, you can wear onyx stone, but according to an astrologer’s advice. Wear only after this and take certain measures in which you take a coconut, tie a blue thread in it and apply it to your forehead and turn it anti-clockwise seven times and let it flow in some flowing water, in this way you will get rid of the bad effects of Rahu. remove from your life

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