Sharad Purnima 18/10/2023: Lunar Eclipse on 28/10/2023: What to do ?
कब है शरद पूर्णिमा 2023?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 28 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से पूर्णिमा आरंभ हो रही है,जो 29 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023 को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के बेहद निकट होता है और चंद्रमा की 16 कलाओं की आभा पृथ्वी के प्रत्येक जीव को प्रभावित करती है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं। यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर रातभर चांद की रोशनी में खीर रखने से उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। फिर अगले दिन सुबह इस खीर का सेवन करने पर सेहत अच्छी रहती है। लेकिन इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण आसमान से अमृत नहीं बरसेगा। ऐसे में इस दिन खुले आसमान में खीर रखना सही होगा या नहीं? चलिए जानते हैं इसके बारे में.
कब लग रहा चंद्र ग्रहण?
Lunar Eclipse Starts – 01:06 AM 29/10/2023
Lunar Eclipse Ends – 02:22 AM 29/10/2023
Local Eclipse Duration – 01 Hour 16 Mins 16 Secs
First Contact with the Penumbra – 11:32 PM, Oct 28
First Contact with the Umbra – 01:06 AM
Maximum of Lunar Eclipse – 01:44 AM
Last Contact with the Umbra – 02:22 AM
Last Contact with the Penumbra – 03:55 AM
Duration of Partial Phase – 01 Hour 16 Mins 16 Secs
Duration of Penumbral Phase – 04 Hours 23 Mins 07 Secs
Magnitude of Lunar Eclipse – 0.12
Magnitude of Penumbral Lunar Eclipse – 1.12
Sutak Begins – 03:11 PM, Oct 28
Sutak Ends – 02:22 AM
Sutak for Kids, Old and Sick Begins – 09:11 PM, Oct 28
Sutak for Kids, Old and Sick Ends – 02:22 AM
यह चंद्र ग्रहण 29 अक्तूबर की रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। चंद्र ग्रहण मध्यरात्रि में पड़ रहा है लेकिन इसका सूतक काल 28 अक्तूबर को दोपहर के बाद से ही प्रारंभ हो जाएगा।
शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया
इस बार नौ साल के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है और यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही संपन्न कर लिए जाएंगे।
ग्रहण के साथ ही इसके सूतक काल को भी शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ निशेध माना जाता है। ऐसे में 28 अक्तूबर को दोपहर के बाद से ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इस वजह से शरद पूर्णिमा पर बनने वाली खीर भी इस बार मध्य रात्रि में नहीं बनेगी। ऐसे में आप चाहें तो दूसरे दिन खीर बनाकर भगवान को भोग लगा सकते हैं।
चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद कर सकते हैं ये कार्य
- सबसे पहले तो चंद्रग्रहण का सूतक काल शुरू होने के पहले गाय के दूध में कुशा या तुलसी की पत्तियां डाल दें।फिर उसे ढककर रख दें।
- इससे सूतक काल के दौरान दूध शुद्ध रहेगा।बाद में चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें और पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
- इसके पश्चात आप इस दूध की खीर बनाकर भोग लगा सकते हैं।
- आप चाहें तो भोर में आप अमृत वर्षा के लिए इस खीर को खुले आसमान के नीचे रख सकते हैं।
🙏जय श्री राम 🙏
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