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Horoscope Today October 27 2025 : Aaj ka Rashifal October 27 2025

Horoscope Today: Astrological prediction for 27 October 2025

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🕉️ वैदिक पंचांग 🕉️
दिनांक – 27 अक्टूबर 2025
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2082
शक संवत – 1947
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
तिथि – षष्ठी पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र – मूल दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा
योग – अतिगण्ड सुबह 07:27 तक तत्पश्चात सुकर्मा
राहुकाल – सुबह 08:05 से सुबह 09:31 तक
सूर्योदय – 06:40
सूर्यास्त – 06:04
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण – षष्ठी वृद्धि तिथि
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
आपका जन्मदिन: 27 अक्टूबर

अंक ज्योतिष का सबसे आखरी मूलांक है नौ। आप बेहद साहसी हैं। आपके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की तीव्रता पाई जाती है। आप सही मायनों में उत्साह और साहस के प्रतीक हैं। मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है। अत: आप में स्वाभाविक रूप से नेतृत्त्व की क्षमता पाई जाती है। लेकिन आपको बुद्धिमान नहीं माना जा सकता। आपके जन्मदिन की संख्या आपस में जुड़ कर नौ होती है। यह मूलांक भूमि पुत्र मंगल के अधिकार में रहता है। मंगल के मूलांक वाले चालाक और चंचल भी होते हैं। आपको लड़ाई-झगड़ों में भी विशेष आनन्द आता है। आपको विचित्र साहसिक व्यक्ति कहा जा सकता है।

आपके लिए खास

शुभ दिनांक : 9, 18, 27

शुभ अंक : 1, 2, 5, 9, 27, 72

शुभ वर्ष : 2036, 2045

ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा।

शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला

आपकी जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल


करियर: अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है। नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। महत्वपूर्ण कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी। राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं।

सेहत: स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

परियार: मित्रों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। आप अपनी शक्ति का सदुपयोग कर प्रगति की और अग्रसर होंगे। पारिवारिक विवाद सुलझेंगे।

मेष (Aries)
स्वभाव: उत्साही
राशि स्वामी: मंगल
शुभ रंग: हरा
आज का दिन आपके लिए सेहत पर थोड़ा ध्यान देने के लिए रहेगा और आप अपने घर किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं। बिजनेस की कोई डील लंबे समय से आपकी हुई थी, तो उसके भी फाइनल होने की संभावना है और आपकी कार्यक्षेत्र में कोई झूठा आरोप लगाने की कोशिश कर सकता है यदि ऐसा हो, तो आप अपनी बात लोगों के सामने अवश्य रखें और किसी से मांगकर वाहन चलाने से बचें।

वृषभ (Taurus)
स्वभाव: धैर्यवान
राशि स्वामी: शुक्र
शुभ रंग: नीला
आज आपको कोई निर्णय जल्दबाजी में या भावनाओं में बेहतर लेने से बचना होगा। आप अपने कामों में थोड़ा समझदारी व बुद्धि का प्रयोग करके ही आगे बढ़ें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। आपको कोई बहलाने फुसलाने की कोशिश करेगा। आप अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखें और किसी से कोई जरूरी जानकारी शेयर ना करें। आपकी कोई मन की इच्छा पूरी हो सकती है। परिवार में किसी मांगलिक कार्यक्रम की तैयारी होने से आपका मन काफी खुश रहेगा।

मिथुन (Gemini)
स्वभाव: जिज्ञासु
राशि स्वामी: बुध
शुभ रंग: लाल
आज का दिन सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के लिए बढ़िया रहने वाला है। आपका मान-सम्मान बढ़ने से आपका मन काफी खुश रहेगा। आपके सुख-साधनों में वृद्धि होगी। आप किसी मनोरंजन के कार्यक्रम में भी सम्मिलित हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपके बिजनेस में कोई योजना आपकी टेंशनों को बढ़ाएगी, जिसको लेकर आप किसी एक्सपर्ट से राय अवश्य लें। वाहनों का प्रयोग आप थोड़ा सावधान रहकर करें।

कर्क (Cancer)
स्वभाव: भावुक
राशि स्वामी: चंद्र
शुभ रंग: सफेद
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। आपको बिजनेस में भी छुटपुट लाभ के अवसरों पर पूरा ध्यान देना होगा। यदि आपका ध्यान कहीं फंसा हुआ था, तो वह आपको वापस मिल सकता है। विद्यार्थी किसी सरकारी नौकरी से संबंधित प्रतियोगिता की तैयारी करने में जुटे रहेंगे। आपके जीवनसाथी आपसे किसी बात को लेकर नाराज हो सकते है। आपको उन्हे मनाने की पूरी कोशिश करनी होगी। शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के लिए दिन अच्छा रहेगा।

सिंह राशि (Leo)
स्वभाव: आत्मविश्वासी
राशि स्वामी: सूर्य
शुभ रंग: पीला
आज का दिन नौकरी में कार्यरत लोगों के लिए बढ़िया रहने वाला है, उनका प्रमोशन होने से उनका मन काफी खुश रहेगा। आपको कोई दूसरी नौकरी का ऑफर भी आ सकता है। आपका कोई शुभचिंतक आज आपसे किसी बात को लेकर बातचीत कर सकता है, लेकिन परिवार के सदस्यों को आप कहीं घूमाने फिराने लेकर जा सकते हैं। आपकी अपनी किसी मित्र से लंबे समय बाद मुलाकात होगी, जिससे कुछ पुरानी यादें ताजा होगी।

कन्या (Virgo)
स्वभाव: मेहनती
राशि स्वामी: बुध
शुभ रंग: गोल्डन
आज का दिन आपके लिए मिला-जुला रहने वाला है। परिवार के सदस्यों का आपको पूरा सहयोग मिलेगा। आपको कुछ विशेष व्यक्तियों से मिलने का मौका मिलेगा। आपकी कला व कौशल में निखार आएगा। आपका कोई निर्णय आपको समझदारी से लेना होगा। आप किसी दूसरे की बातों में आकर किसी ऐसी बात ना बोले, जो की लड़ाई झगड़े की वजह बने। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रोका हुआ काम पूरा होगा।

तुला (Libra)
स्वभाव: संतुलित
राशि स्वामी: शुक्र
शुभ रंग: हरा
आज आपके कुछ नए विरोधी उत्पन्न हो सकते हैं। सामाजिक कार्यों में आप कोई भी काम थोड़ा समझदारी दिखाते हुए करें, क्योंकि आपके शत्रु आपकी छवि खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। आप अपनी बचत पर भी पूरा ध्यान देंगे और संतान को आप कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। आप अपने किसी पेंडिंग काम को भी समय से करने की कोशिश करें। किसी पुरानी गलती से आपको सबक लेना होगा।

वृश्चिक (Scorpio)
स्वभाव: रहस्यमय
राशि स्वामी: मंगल
शुभ रंग: नीला
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। आपके सामने कुछ खर्च ऐसे आएंगे, जो मजबूरी में ना चाहते हुए भी करने पड़ेंगे। परिवार के सदस्यों में किसी बात को लेकर वाद विवाद हो, तो आपस उसमें चुप रहने की कोशिश करें। आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जाने की प्लानिंग कर सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपको किसी उपहार के मिलने की संभावना है।

धनु (Sagittarius)
स्वभाव: दयालु
राशि स्वामी: गुरु
शुभ रंग: लाल
आज का दिन आपके लिए बढ़िया रहने वाला है। आपका कोई महत्वपूर्ण काम पूरा हो सकता है। आपको किसी काम को लेकर कहीं बाहर जाना पड़ सकता है, जिसके लिए यात्राएं भी अधिक होगी। आपको कोई पेट संबंधित समस्या थी, तो आपको अपने खाने-पीने पर ज्यादा ध्यान देना होगा। आपके उस धन के फंसने की संभावना है और आप अपने घर परिवार में जिम्मेदारियां को लेकर थोड़ा सतर्क रहे। धार्मिक कार्यों में आप बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।

मकर (Capricorn)
स्वभाव: अनुशासित
राशि स्वामी: ग्रे
शुभ रंग: लाल
आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहने वाला है। आपको कुछ विशेष व्यक्तियों से मिलने का मौका मिलेगा। आप किसी की कही सुनी बातों पर भरोसा ना करें, नहीं तो बेवजह का लड़ाई झगड़ा होने की संभावना है। जीवनसाथी के लिए आप कोई सरप्राइज गिफ्ट लेकर आ सकते हैं। दान पुण्य के कार्यों में भी आपकी काफी रुचि रहेगी और आप किसी बात को लेकर घबराएंगे नहीं, वाहन की अकस्मात खराबी के कारण आपका धन खर्च बढ़ सकता है, जिस पर आप थोड़ा ध्यान अवश्य दें।

कुंभ ( Aquarius)
स्वभाव: मानवतावादी
राशि स्वामी: शनि
शुभ रंग: पीला
आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। करियर में आपका अच्छा उछाल देखने को मिलेगा। आपका बिजनेस भी पहले से बेहतर रहेगा, जो आपको खुशी देगा, क्योंकि आपकी कोई मन की इच्छा पूरी हो सकती है। संतान के विवाह में आ रही बाधा भी दूर होगी। आप दिल से लोगों का भला सोचेंगे, जिससे आपके मन को भी सुकून मिलेगा। यदि आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बनाया था, तो उसके लिए आज का दिन बेहतर रहेगा।

मीन (Pisces)
स्वभाव: संवेदनशील
राशि स्वामी: बृहस्पति
शुभ रंग: हरा
आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है। आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ कुछ समय बातचीत करने में व्यतीत करेंगे, जिससे पुराने गिले शिकवे भी दूर होंगे और कारोबार में भी आपको अच्छी सफलता मिलेगी। आपकी कोई बड़ी दिल फाइनल हो सकती है, जो आपकी इन्कम को भी बढ़ाएगी। परिवार में किसी नए मेहमान का आगमन होने से माहौल खुशनुमा रहेगा। आपकी कुछ नई कोशिश रंग लाएगी। आपको कोई ऐसी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है, जिसकी आप लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे।

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दीपावली पूजन विधिः

दीपावली के पर्व पर सभी भक्तजन माँ लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए अनेक प्रकार के जतन करते हैं । कुछ लोग इस दिन विशिष्ट साधनाएँ करते हैं , लेकिन सामान्य पूजन सभी करते हैं । इस दिन सायंकाल में शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी की विविध उपचारों से पूजा -अर्चना की जाती है । एक विशेष समस्या इस पूजा -अर्चना में प्रायः देखी जाती है कि महालक्ष्मी पूजन में प्रयुक्त मन्त्र संस्कृत भाषा में लिखी होने के कारण थोड़े क्लिष्ट होते हैं और इसी कारण आमजन इनका प्रयोग नहीं कर पाते हैं । पाठकगणों की इस समस्या का अनुभव करते हुए हिन्दी मन्त्रों से महालक्ष्मी का पूजन -अर्चना किया जा रहा है । हालॉंकि संस्कृत मन्त्रों का अपना महत्त्व है , लेकिन माँ तो भाव को ही प्रधानता देती है । यदि आप अपनी भाषा में अपने भाव माँ के समक्ष अच्छे से व्यक्त कर सकते हैं , तो वही भाषा आपके लिए सर्वश्रेष्ठ है । आइए , इस दीपावली पर हम अपनी भाषा में अपने भाव व्यक्त करके माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं ।

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पूजन हेतु सामग्री

रोली , मौली , लौंग , पान , सुपारी , धूप , कर्पूर , अगरबत्ती , अक्षत (साबुत चावल ), गुड़ , धनिया , ऋतुफल , जौ , गेहूँ , टूब , पुष्प , पुष्पमाला , चन्दन , सिन्दूर , दीपक , रूई , प्रसाद , नारियल , सर्वोषधि , पंचरत्न , यज्ञोपवीत , पंचामृत , शुद्ध जल , खील , मजीठ , सफेद वस्त्र , लाल वस्त्र , फुलेल , लक्ष्मी जीव एवं गणेश जी का चित्र या पाना , चौकी (बाजौट ), कलश , घी , कमलपुष्प , इलायची , माचिस , दक्षिणा हेतु नकदी , चॉंदी के सिक्के , बहीखाता , कलम तथा दवात । आदि ।

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पूजा विधान एवं नियम

दीपावली के दिन सायंकाल पूजन करने से पूर्व शुद्ध जल से स्नान करके स्वच्छ एवं सुन्दर वस्त्र धारण कर सकुटुम्ब पूजन करने के लिए तैयार हों । लक्ष्मी जी के पूजन हेतु जो स्थान आपने निश्चित किया है , उसको स्वच्छ जल से धोकर उस पर बैठने हेतु आसन लगाएँ । आपको पूजन करते समय यह अवश्य ही ध्यान रखना है कि आपका मुँह पूर्व दिशा की ओर हो अर्थात् लक्ष्मी जी का चित्र अथवा पाना पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए । यदि पूर्व दिशा की ओर जगह नही बन पा रही हो , तो आप पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजन कर सकते हैं ।

लक्ष्मी पूजन हेतु उपर्युक्त साम्रगी पहले ही एक स्थान पर एकत्र करके एक थाल में तैयार कर लेनी चाहिए । पाटा (चौकी ) पर आसन बिछाकर उस पर श्री गणेश जी एवं लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित कर दें । उसके बायीं ओर दूसरे पाटे पर आधे में सफेद वस्त्र एवं आधे में लाल वस्त्र बिछाकर सफेद वस्त्र पर चावल की नौ ढेरी नवग्रह की एवं गेहूँ की सोलह ढेरी षोडशमातृका की बना लें । एक मिट्टी के कलश अथवा तॉंबे के कलश पर स्वस्तिक बनाकर उसके गले में मौली बॉंधकर उसके नीचे गेहूँ अथवा चावल डालकर रखें । उसके ऊपर नारियल पर मौली बॉंधकर रख दें । पूजन प्रारम्भ करने के लिए घी का एक दीपक बनाकर तैयार करके और उसे गणेश जी एवं लक्ष्मी जी के चित्र के समान थोड़े गेहूँ डालकर उस पर रखकर प्रज्वलित कर दें । तत्पश्चात् दीपक पर रोली , चावल , पुष्प चढ़ाएँ एवं निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए प्रार्थना करे।

‘ हे दीपक ! तुम देव हो , कर्म साक्षी महाराज ।

जब तक पूजन पूर्ण हो , रहो हमारे साथ॥ ’

दीपक पूजन के उपरान्त एक जलपात्र में पूजा के निमित्त जल भरकर अपने सामने रखकर उसके नीचे अक्षत , पुष्प डालकर गंगा , यमुना आदि नदियों का निम्नलिखित मन्त्र से आवाहन करे।

गंगा यमुना , गोदावरी नदियन की सिरताज ।

सिंधु , नर्मदा , कावेरी , सरस्वती सब साथ ॥

लक्ष्मी पूजन लक्ष्य है , आज हमारे द्वार ।

सब मिल हम आवाहन करें , आओ बारम्बार ॥

तत्पश्चात् जलपात्र से बायें हाथ में थोड़ासा जल लेकर दाहिने हाथ से अपने शरीर पर छीटें देते हुए बोले ।

वरुण विष्णु सबसे बड़े , देवन में सिरताज ।

बाहर -भीतर देह मम , करो शुद्ध महाराज ॥

फिर तीन बार आचमन करें और उच्चारण करे ।

श्रीगोविन्द को नमस्कार ।

श्री माधव को नमस्कार ।

श्री केशव को नमस्कार ॥

अब दाहिने हाथ में अक्षत , पुष्प , चन्दन , जल तथा दक्षिणा लेकर निम्नलिखित संकल्प बोलें ।

‘ श्रीगणेश जी को नमस्कार । श्री विष्णु जी को नमस्कार । मैं …..( अपने नाम का उच्चारण करें ) जाति …..( आपनी जाति का उच्चारण करें ) गोत्र …..( अपने गोत्र का उच्चारण करें ) आज ब्रह्मा की आयु के द्वितीय परार्द्ध में , श्री श्वेतवाराह कल्प में , वैवस्वत मन्वन्तर में , २८वें कलियुग के प्रथम चरण में , बौद्धावतार में , पृथ्वी लोक के जम्बू द्वीप में , भरत खण्ड नामक भारतवर्ष के …..( अपने क्षेत्र का नाम लें )….. नगर में ( अपने नगर का नाम लें )….. स्थान में ( अपने निवास स्थान का नाम लें ) संवत् २०६७ , कार्तिक मास , कृष्ण पक्ष , अमावस्या तिथि , शुक्रवार को सभी कर्मों की शुद्धि के लिए वेद , स्मृति , पुराणों में कहे गए फलों की प्राप्ति के लिए , धन – धान्य , ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए , अनिष्ट के निवारा तथा अभीष्ट की प्राप्ति के लिए परिवार सहित महालक्ष्मी पूजन निमित्त तथा माँ लक्ष्मी की विशेष अनुकम्पा हेतु गणेश पूजनादि का संकल्प कर रहा हूँ । ’

अब ऐसा कहते हुए गणेश जी की मूर्ति पर अथवा थाल में स्वस्तिक बनाकर सुपारी पर मोली लगाकर रखें ।

उसके उपरान्त गणेश जी का आवाहन निम्नलिखित मन्त्र से करें ।

सिद्धि सदन गज वदन वर , प्रथम पूज्य गणराज ।

प्रथम वन्दना आपको , सकल सुधारो काज ॥

जय गणपति गिरिजा सुवन रिद्धि -सिद्धि दातार ।

कष्ट हरो मंगल करो , नमस्कार सत बार ॥

रिद्धि -सिद्धि के साथ में , राजमान गणराज ।

यहॉं पधारो मूर्ति में , आओ आप बिराज ॥

शोभित षोडशमातृका , आओ यहॉं पधार ।

गिरिजा सुत के साथ में , करके कृपा अपार ॥

सूर्य आदि ग्रह भी , करो आगमन आज ।

लक्ष्मी पूजा पूर्ण हो , सुखी हो समाज ॥

आवाहन के पश्चात् हाथ में अक्षत लेकर सुपारी रूपी गणेश जी पर छोड़ते हुए श्रीगणेश जी को आसन दें ।

इसके उपरान्त गणेश जी का पूजन निम्नलिखित प्रकार से करें । तीन बार जल के छीटें देकर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करे ।

पाद्य अर्घ्य वा आचमन , का जल यह तैयार ।

उसको भी प्रेमये , कर लो तुम स्वीकार ॥

पाद्य स्वीकार करें । अर्घ्य स्वीकार करें । आचमन हेतु जल स्वीकार करें ।

यह बोलकर जल के छीटें दें ।

स्नान हेतु जल स्वीकार करें । जल के छीटें दें ।

वस्त्र स्वीकार करें । बोलकर मोली चढ़ाएँ ।

गन्ध स्वीकार करें । रोली चढ़ाएँ ।

अक्षत स्वीकार करें । चावल चढ़ाएँ ।

पुष्प स्वीकार करें । पुष्प चढ़ाएँ ।

धूप स्वीकार करें । धूप करें ।

दीपक के दर्शन करें । दीपक दिखाएँ ।

मिष्टान्न स्वीकार करें । प्रसाद चढ़ाएँ ।

आचमन हेतु जल स्वीकार करें । कहकर जल के छीटें दें ।

ऋतुफल स्वीकार करें । ऋतुफल चढ़ाएँ ।

मुखशुद्धि के लिए पान स्वीकार करें । पान , सुपारी चढ़ाएँ ।

दक्षिणा स्वीकार करें । कहते हुए नकदी चढ़ाएँ ।

नमस्कार स्वीकार करें । नमस्कार करें ।

अब करबद्ध होकर गणेशजी को निम्नलिखित मन्त्र से नमस्कार करे ।

विघ्न हरण मंगल करण , गौरी सुत गणराज ।

मैं लियो आसरो आपको , पूरण करजो काज ॥

षोडशमातृका पूजन

गणेश पूजन के उपरान्त षोडशमातृका का पूजन करना चाहिए । हाथ में चावल लेकर दाहिने हाथ की ओर स्थापित लाल वस्त्र पर आरूढ़ षोडशामातृका पर चावल छोड़ते हुए निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

बेग पधारो गेह मम , सोलह माता आप ।

वंश बढ़े , पीड़ा कटे , मिटे शोक संताप ॥

इसके पश्चात् जिस प्रकार से गणेश जी का पूजन किया था , उसी प्रकार से षोडशमातृका का पूजन करें । अन्त में निम्नलिखित मन्त्र के साथ षोडशमातृका को नमस्कार करें ।

सोलह माता आपको , नमस्कार सत बार ।

पुष्टि तुष्टि मंगल करो , भरो अखण्ड भण्डार ॥

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नवग्रह पूजन

बायें हाथ में चावल लेकर दाहिने हाथ से सफेद वस्त्र पर चावल छोड़े एवं निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

रवि शशि मंगल बुध , गुरु शुक्र शनि महाराज ।

राहु केतु नवग्रह नमो , सकल सँवारो काज ॥

हे नवग्रह तुमसे करूँ , विनती बारम्बार ।

मैं तो सेवक आपको , रखो कृपा अपार ॥

इसके पश्चात् जिस प्रकार गणेश जी का पूजन किया था , उसी प्रकार नवग्रह का भी पूजन करें ।

कलश पूजन

कलश पूजन हेतु बायें हाथ में अक्षत लेकर दाहिने हाथ से मिट्टी के कलश (जिसमें शुद्ध जल भरा हो ) पर अक्षत चढ़ाते हुए वरुण देवता का निम्नलिखित मन्त्र से आवाहन करें ।

जल जीवन हे जगत का , वरुण देव का वास ।

सकल देव निस दिन करें , कलश महि निवास ॥

गंगादिक नदियॉं बसें , सागर स्वल्प निवास ।

पूजा हेतु पधारिए पाप शाप हो नाश ॥

इसके पश्चात् जिस प्रकार गणेश जी का पूजन किया गया था , उसी प्रकार कलश का पूजन करें ।

रक्षा विधान विधि

बायें में मौली , रोली , अक्षत , पुष्प तथा दक्षिणा लेकर दाहिने हाथ से बन्द कर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण कर अक्षत को चारों दिशाओं में थोड़ा -थोड़ा छोड़ें ।

पूरब में श्रीकृष्ण जी , दक्षिण में वाराह । पश्चिम केशव दुःख हरे , उत्तर श्रीधर शाह ॥

ऊपर गिरधर कृष्ण जी , शेषनाग पाताल ।

दसों दिशा रक्षा करें , मेरी नित गोपाल ॥

इसके पश्चात् उपर्युक्त मौली , रोली , चावल , पुष्प आदि गणेश जी को चढ़ाएँ और मौली उठाकर सभी देवताओं गणेश जी , लक्ष्मी जी आदि को चढ़ाएँ । इसके पश्चात् परिजनों के बॉंधते हुए तिलक करें ।

अब लक्ष्मी पूजन करने के लिए पूर्व स्थापित लक्ष्मी जी की तस्वीर के पास चॉंदी की कटोरी में अथवा अन्य बर्तन में चॉंदी के सिक्के अथवा प्रचलित रुपए के सिक्कों को कच्चे दूध एवं पंचामृत से स्नान कराएँ एवं फिर पुष्प एवं चावल दाहिने हाथ में लेकर श्री महालक्ष्मी का आवाहन निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए करें ।

जयजगजननी , जय , रमा , विष्णुप्रिया जगदम्ब ।

बेग पधारो गेह मम , करो न मातु विलम्ब ॥

पाट विराजो गेह मम , भरो अखण्ड भंडार ।

श्रद्धा सहित पूजन करूँ , करो मातु स्वीकार॥

मातु लक्ष्मी करो कृपा , करो हृदय में वास ।

मनोकामना सिसद्ध करो , पूरण हो मेरी आस ॥

यही मोरि अरदास , हाथ जोड़ विनती करूँ ।

सब विधि करों सुवास , जय जननी जगदम्बा ॥

सब देवन के देव जो , हे विष्णु महाराज ।

हो उनकी अर्धांगिनी , हे महालक्ष्मी आप ॥

मैं गरीब अरजी धरूँ ; चरण शरण में माय ।

जो जन तुझको पूजता , सकल मनोरथ पाय ॥

आदि शक्ति मातेश्वरी , जय कमले जगदम्ब ।

यहॉं पधारो मूर्ति में , कृपा करो अविलम्ब ॥

इस प्रकार दोनों हाथों से पुष्प एवं चावल लक्ष्मी जी के पास छोड़े और तीन बार जल के छीटें दे और उच्चारण करें ।

पाद्य स्वीकार करें , अर्घ्य स्वीकार करें , आचमन हेतु जल स्वीकार करें ।

नमस्कार करते हुए मन्त्र कहें :

पाद्य अर्घ्य व आचमन का जल है यह तैयार ।

उसको भी माँ प्रेम से , कर लो तुम स्वीकार ॥

इसके पश्चात् ‘दुग्ध स्नान स्वीकार करें ’ कहते हुए दूध के छींटें दें तथा पंचामृत से स्नान करवाते हुए निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

दूध , दही घी , मधु तथा शक्कर से कर स्नान ।

निर्मल जल से कीजियो , पीछे शुद्ध स्नान ॥

वस्त्र स्वीकार करें ऐसा कहते हुए मौली चढ़ाएँ तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

कुंकुम केसर का तिलक , और माँग सिन्दूर ।

लेकर सब सुख दीजियो , कर दो माँ दुःख दूर ॥

नयन सुभग कज्जल सुभग , लो नेत्रों में डाल ।

करो चूडियों से जननी , हाथों का श़ृंगार ॥

अक्षता स्वीकार करें , कहते हुए चावल चढ़ाएँ ।

‘ पुष्प स्वीकार करें ’ कहते हुए पुष्प अर्पित करें ।

धूप स्वीकार करें , कहते हुए धूप करें तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

गन्ध अक्षत के बाद में , यह फूलों का हार ।

धूप सुगन्धित शुद्ध घी का , दीपक है तैयार ॥

‘ दीप ज्योति का दर्शन करें ’, कहते हुए दीपक दिखाएँ ।

‘ मिष्टान्न एवं ऋतुफल स्वीकार करें ’, कहते हुए प्रसाद चढ़ाएँ तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

भोग लगाता भक्ति से , जीमो रुचि से धाप ।

करो चुल्लू ऋतफल सुभग , आरोगो अब आप ॥

‘ आचमन हेतु जल स्वीकार करें ’, कहते हुए पान सुपारी चढ़ाएँ तथा निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

ऐलापूगी लवंगयुत , माँ खालो ताम्बूल ।

क्षमा करो मुझसे हुई , जो पूजा में भूल ॥

‘ दक्षिणा स्वीकार करें ’, कहते हुए नकदी चढ़ाएँ और निम्नलिखित मन्त्र से प्रार्थना करें ।

क्या दे सकता दक्षिणा , आती मुझको लाज ।

किन्तु जान पूजांग यह , तुच्छ भेंट है आज ॥

नमस्कार करें और निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

विष्णुप्रिया सागर सुता , जनजीवन आधार ।

गेह वास मेरे करो , नमस्कार शतवार ॥

इसके पश्चात् दीपमालिका पूजन करें । जो व्यक्ति सायंकाल (प्रदोषकाल ) में लक्ष्मी पूजन करते हैं , वे लक्ष्मी पूजन करने के पश्चात् तथा जो व्यक्ति रात्रि में पूजन करते हैं , उन्हें सायंप्रदोषकाल में दीपकों का पूजन अपनी पारिवारिक परम्परा के अनुसार करना चाहिए । एक बड़े थाल के बीच में बड़ा दीपक तथा अन्य छोटे दीपकों को शुद्ध जल से स्नान करवाकर रखें । उसमें शुद्ध नई रुई की बत्ती बनाकर सरसों के तेल या तिल्ली के तेल से प्रज्वलित करें और दाहिने हाथ में अक्षत एवं पुष्प अर्पित करते हुए निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें ।

हे दीपक ! तुम देव हो , कर्मसाक्षी महाराज ।

जब तक पूजन पूर्ण हो , रहो हमारे साथ ॥

शुभ करो कल्याण करो आरोग्य सुख प्रदान करो ।

बुद्धि मेरी तीव्र करो , दीप ज्योति नमस्कार हो ॥

आत्म तत्त्व का ज्ञान दो , बोधिसत्व प्रकाश दो ।

दीपावली समर्पित तुम्हें , मातेश्वरी स्वीकार करो ॥

इस मन्त्र का उच्चारण कर दीपकों को नमस्कार करें एवं जल के छीटें दें । इसके पश्चात् लक्ष्मी जी की आरती करने के लिए दिपकों में से बड़ा दीपक लक्ष्मी जी के सामने रखें तथा आरती करें

ॐ जय लक्ष्मी माता , मैया जय लक्ष्मी माता ॥

तुमको निसदिन सेवत , हर विष्णु धाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा , रमा , ब्रह्माणी , तुम ही जग माता ॥

सूर्य , चन्द्रमा ध्यावत , नारद ऋषि गाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रूप निरंजनी , सुख -संम्पत्ति दाता ॥

जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि सिद्धि धन पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल निवासिनी , तू ही शुभ दाता ॥

कर्म प्रभाव प्रकाशिनि , नव निधि की दाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहती , तहँ सब सद्गुण आता॥

सब सम्भव हो जाता , मन नहीं घबराता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

तुम बिन यज्ञ न होवे , वस्त्र न हो पाता ॥

खान -पान अरु वैभव तुम बिन नहीं आता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

शुभ गुण मन्दिर सुन्दर , क्षीरदधि जाता ॥

रत्न चतुर्दश तुम बिन , कोई नहीं पाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

आरती श्री लक्ष्मीजी की जो कोई नर गाता ॥

उर आनन्द समाता , पाप उत्तर जाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

स्थिर चर जगत बखाने , कर्म प्रचुर लाता ॥

जो कोई मातु आपकी , शुभ दृष्टि पाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

जय लक्ष्मी माता , मैया जय लक्ष्मी माता ॥

तुमको निशदिन सेवत , हर विष्णु धाता ॥

॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

क्षमा प्रार्थना

ब्रह्माविष्णुशिव रुपिणी , परम ब्रह्म की शक्ति ।

मुझ सेवक को दीजिए , श्रीचरणों की भक्ति ॥

अपराधी नित्य का , पापों का भण्डार ।

मुझ सेवक को कीजियो , दुःखसागर से पार ॥

हो जाते हैं पूत तो , कई पूत अज्ञान ।

पर माता तो कर दया , रखती उनका ध्यान ॥

ऐसा मन में धारकर , कृपा करो अवलम्ब ।

और प्रार्थना क्या करूँ ? तू करुणा की खान ॥

त्राहि -त्राहि मातेश्वरी , मैं मूरख अज्ञान ॥

धरणी पर जब तक जीऊँ , रटूँ आपका नाम ।

तब दासों के सिद्ध सब , हो जाते हैं काम ॥

इसके पश्चात् ‘श्री महालक्ष्मी की जय ’ सब एक साथ बोलें तथा सारे कुटुम्ब के लोग मिलकर श्री गणेशजी , वरुण , षोडशमातृका , नवग्रह और महालक्ष्मी को प्रणाम करके कहें कि ‘हे सभी देवताओं ! आप सब तो यथास्थान प्रस्थान कीजिए तथा श्रीमहालक्ष्मी एवं ऋद्धि -सिद्धि और शुभ -लाभ सहित गणेश जी आप हमारे घर में और व्यापार में विराजमान रहिए और अन्त में हाथ जोड़कर निम्नलिखित उच्चारण करें । ’

त्राहि -त्राहि दुःखहारिणी , हरो बेगि सब त्रास ।

जयति -जयति जयलक्ष्मी , करो दुःखों का नाश ॥

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Horoscope Today September 21 2025 : Aaj ka Rashifal September 21 2025

Horoscope Today: Astrological prediction for 21 September 2025

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🕉️ वैदिक पंचांग 🕉️
दिनांक – 21 सितम्बर 2025
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
शक संवत – 1947
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ऋतु
मास – आश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र भाद्रपद)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या 22 सितम्बर रात्रि 01:23 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी सुबह 09:32 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग – शुभ शाम 07:53 तक तत्पश्चात शुक्ल
राहुकाल – शाम 05:05 से शाम 06:36 तक
सूर्योदय – 06:28
सूर्यास्त – 06:34
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या, आश्विन अमावस्या, सर्वपित्री अमावस्या का श्राद्ध अज्ञात तिथि वालो का श्राद्ध, महालय समाप्त, पितृपक्ष समाप्त, खंडग्रास सूर्यग्रहण (भारत मे नही दिखेगा, नियम पालनीय नही है)

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

आपका जन्मदिन: 21 सितंबर

दिनांक 21 को जन्मे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अक्सर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं।

आपके लिए खास

शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30

शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9

शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052

ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु

शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

आपकी जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल

परिवार: दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।

करियर: नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है।

कारोबार: नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे।

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आजके दिन का प्रथम भाग मौन रहकर अथवा पूजा पाठ में बिताने से व्यर्थ के वाद विवाद से बच सकते है। कार्य क्षेत्र पर आज आपकी चुगली होने की संभावना है कोई भी अनैतिक कार्य करने से बचें। परिजनों की बेतुकी बयानबाजी मानसिक अशान्ति के साथ ही क्रोध करने पर मजबूर करेगी फिर भी आज आप विवेकी व्यवहार अपनायेंगे दोपहर से स्थिति आपके पक्ष में होने लगेगी। धन लाभ आशानुकूल नही होगा फिर भी खर्च निकल जाएंगे। नौकरी पेशा जातक आज बुद्धि बल से किसी जटिल कार्य को पूर्ण करने पर सम्मानित होंगे। पारिवारिक वातावरण में छूट पुट नोकझोंक लगी रहेगी महिलाओ के मन मे उदासी छाई रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपको आज दिन के पूर्वार्द्ध में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है बनते कार्यो में उलझन पड़ने से मन नकारात्मक भाव से ग्रस्त रहेगा। महिलाओ के हाथ कोई बड़ा नुकसान हो सकता है। मध्यान से परिस्थिति आपके अनुकूल होने लगेगी फिर भी आज चंचल मन लाभ से दूर ही रखेगा। व्यवसायी वर्ग दुविधा की स्थिति में रहने के कारण उचित निर्णय नही ले सकेंगे। जल्दबाजी में आज किसी से कोई वादा ना करें पूर्ण ना करने पर अपमानित हो सकते है। आज आपका ध्यान मनोरंजन की ओर ज्यादा रहेगा। अपने मजाकि व्यवहार से आस-पास का वातावरण हल्का बनाएंगे खर्च ना चाहते भी करना पड़ेगा। सेहत में सुधार अनुभव होगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ शेष समय अशांति वाला रहेगा। दिन के आरम्भ में हास-परिहास के मूड में रहेंगे परिवार का वातावरण भी खुशहाल रहेगा लेकिन मध्यान के आस-पास किसी के द्वारा दुखद खबर मिलने की संभावना है। स्वयं अथवा परिजन की सेहत भी अचानक खराब होने से अतिरिक्त भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। कार्य-व्यवसाय पर आज अधिक ध्यान नही दे पाएंगे जिससे लाभ भी सीमित मात्रा में ही होगा। महिला वर्ग भी आज किसी ना किसी कारण से मानसिक रूप से विचलित रहेंगी पल-पल में विचार बदलने के कारण ठोस निर्णय नही ले सकेंगे। धन के मामले में दिन आय की अपेक्षा खर्चीला अधिक रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज दिन के आरम्भ से ही आप धन कमाने के लिये मन ही मन योजना बनाएंगे परन्तु सहयोग कम मिलने से इसे फलीभूत होने में देरी होगी फिर भी आज आपको धन कमाने के कई अवसर मिलेंगे इनका लाभ उठायें संध्या के समय अचानक से आर्थिक लाभ होगा। कार्य व्यवसाय पहले से बेहतर चलेगा उधारी में व्यवहारों में कमी आयेगी। शेयर अथवा अन्य जोखिम वाले कार्यो में आज किया गया निवेश भविष्य में लाभदायक सिद्ध होगा। पारिवारिक वातावरण मध्यान के बाद प्रसन्न चित बनेगा। निकटस्थ संबंधियों एवं पड़ोसियों से आत्मीय संबंध रहेंगे। भाई-बंधुओ से मतभेद होने पर बोल-चाल में कमी आ सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आप अपने द्वारा किए समस्त कार्यो से संतोषी रहेंगे। महिलाये इसके विपरीत जीवन मे कुछ ना कुछ कमी अनुभव करेंगी। आज आपकी समस्त दिनचार्य व्यवस्थित रहने पर भी लाभ के अवसर कम ही मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर आए अनुबंद हाथ लगेंगे परन्तु लापरवाही के कारण इनसे उचित लाभ नही उठा पाएंगे। मध्यान के समय किसी गलती के कारण आलोचना होगी फिर भी आज आपको कोई कुछ भी कहे जल्दी से बुरा नही मानेंगे। परिजन विशेष कर बुजुर्ग आपकी बेपरवाह प्रवृति से चिंतित रहेंगे। मन मे लंबी यात्रा की योजना बनेगी परन्तु अभी करना आर्थिक एवं शारीरिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के आरम्भ में आपके लापरवाह स्वभाव के चलते किसी महत्त्वपूर्ण कार्य मे।विलम्ब अथवा हानि हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी आज किसी कारण से देरी होगी । मध्यान तक अधिक परिश्रम करना पड़ेगा इसका फल संध्या के समय सफलता के रूप में अवश्य मिल जाएगा। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा आज कम ही रहेगी लेकिन फिर भी आर्थिक कारणों से किसी ना किसी का मुंह ताकना पड़ेगा। सरकारी कार्य पूर्ण होते होते अंत समय मे किसी कमी के कारण लटक सकते है प्रयत्न करते रहेने पर शीघ्र ही सफलता मिलेगी। महिला वर्ग आज सर अथवा अन्य शारीरिक अंग में दर्द से परेशान रहेंगी फिर भी दैनिक कार्य समय पर कर लेंगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज दिन का प्रथम भाग आपको सफलता एवं सम्मान दोनो दिलाएगा। पूर्व आयोजित कार्यो से धन लाभ होगा नए कार्यो में भी निवेश करेंगे। परन्तु मध्यान के बाद घरेलू अथवा कार्य क्षेत्र पर कलह क्लेश का सामना करना पडेगा। विरोधी प्रबल होने से स्वयं को बेबस अनुभव करेंगे। परिवार में आज आपके किसी गलत आचरण की पोल खुल सकती है किसी से बहस ना करें अन्यथा परिणाम गंभीर हो सकते है। आज आपके सरकारी उलझनों में भी फंसने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर प्रलोभन मिलेंगे इनसे भी दूरी बना कर रखें। महिलाये का स्वाभव आज अधिकांश समय उग्र रहेगा बात-बात पर बहस करेंगी। धन लाभ सामान्य से कम होगा। मौसमी बीमारी की आशंका है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के आरम्भ में आप कई योजनाएं बनाएंगे परन्तु आलस्य अथवा लापरवाही के कारण इनमे विलम्ब होगा फिर भी आज आप अपनी सोच-समझ से कार्य करते हुए लाभ के हकदार बनेंगे। कार्य क्षेत्र पर अधीनस्थों का सहयोग करेंगे बदले में आपको भी ऐसा ही व्यवहार मिलेगा। धन लाभ आज अकस्मात ही होगा। धन को लेकर आज कोई कार्य नही रुकेगा।महिलाये आज मनोकामना पूर्ति होने पर प्रसन्न रहेंगी लेकिन स्वभाव अन्य लोगो के कार्यो में नुक्स निकालने वाला रहेगा। घर मे शांति रहेगी। सेहत भी सामान्य बनी रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज भी दिन के आरम्भ में परिस्थिति पूर्ववत बनी रहेगी। सेहत भी साथ ना देने से कार्यो के प्रति उत्साह नही बनेगा। मध्यान तक स्थिति सामान्य होने लगेगी लेकिन आज व्यावसायिक कार्य मिलने पर भी स्थिति स्पष्ट ना होने से असमंजस में पड़े रहेंगे। आर्थिक लाभ के लिए किसी की सहायता अथवा खुशामद करनी पड़ेगी। महिलाये आज परिवार को आर्थिक एवं अन्य समस्याओं से उबारने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी लेकिन बाद में इसका गुणगान भी करेंगी। मित्र रिश्तेदारी में जाना पड़ सकता है। संध्या का समय दिन की अपेक्षा शांति से बिताएंगे। धन सम्बन्धित लेन-देन आज ना करें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसे देर-अबेर पूरा करके ही मानेंगे। आर्थिक स्थिति भी आज उत्तम रहने से निर्णय तुरंत लेंगे जोखिम लेने से पीछे नही नही हटेंगे धन लाभ आशानुकूल नही फिर भी आवश्यकता से अधिक हो जाएगा। व्यवसाय में उन्नति होने से आज आपसे जलने वालो की संख्या में बढ़ोतरी होगी फिर भी आज आपको कोई किसी भी प्रकार की क्षति नही पहुचा सकेगा। महिलाये आज अन्य लोगो से अपनी एवं परिवार की बढ़ चढ़ कर प्रशंसा करेंगी सार्वजनिक क्षेत्र पर हास्य के पात्र भी बन सकते है। शारीरिक तंदुरुस्ती बनी रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन घरेलू एवं व्यावसायिक कार्य एक साथ आने से थोड़े परेशान होंगे लेकिन किसी का सहयोग मिलने से इससे निजात पा लेंगे कार्य क्षेत्र पर आपकी किसी कमी के कारण मान हानि हो सकती है। आज आप अधिकांश कार्य हानि-लाभ की परवाह किये बिना करेंगे। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी फिर भी फिजूल खर्चो पर नियंत्रण ना रखा तो परेशानी में पड़ सकते है। परिवार के सदस्यों का जिद्दी व्यवहार परेशान करेगा लेकिन इसके पीछे आपका हिट ही छुपा हुआ रहेगा। महिलाये गृहस्थ को सम्भालने में दिन भर व्यस्त रहेंगी लंबी यात्रा की योजना आज साकार होगी इससे मानसिक शांति के साथ ही धन लाभ भी होगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपके अंदर विलक्षण प्रतिभा देखने को मिलेगी। सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारों की प्रखरता भीड़ जोड़ने वाली रहेगी। अपनी बुद्धि चातुर्य से नए संबंध विकसित करेंगे निकट भविष्य में इनसे आर्थिक एवं अन्य व्यवहारिक लाभ अवश्य मिलेगा। समाज के उच्चप्रतिष्ठित लोगो से जान पहचान बनेगी। विरोधी भी आज आपकी प्रशंशा करेंगे। कार्य व्यवसाय मध्यान तक मंदा रहेगा इसके बाद अचानक गति आने से व्यस्तता बढ़ेगी। नौकरी अथवा व्यवसाय से जुड़ी महिलाये आज पुरुषों की अपेक्षा अधिक लाभ कमाएंगी परिजनों को भी उपहार एवं अन्य सुविधाएं प्रदान कर प्रसन्न रखेंगी। सेहत कुछ समय के लिए नरम रहेगी।

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